सर्टिफिकेट घोटाला : झारखंड बोर्ड का फर्जी सर्टिफिकेट … डाक सेवा में बहाल होने आए 11 अभ्यर्थी गिरफ्तार, साइबर कैफे में बनाई फर्जी डिग्री, सबको 98-99% नंबर मिले.. जानिये पूरा घोटाला
रांची/पटना। बिहार में एक और घोटाला सामने आया है। पिछली बार टॉपर घोटाले का खुलासा हुआ था, अब सर्टिफिकेट घोटाला सामने आया है। डाक विभाग में नियुक्त होने आए 11 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये सभी फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे डाकघर में जीडीएस पद पर बहाल होने आए थे। मैरिट लिस्ट में नाम आने के बाद इन्हें सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के लिए मुजफ्फरपुर डाकघर में बुलाया गया था। जहां इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। यहां पहुंचे एक अभ्यर्थी के अंग्रेजी में 100 में 98 नंबर थे, लेकिन उसे इंग्लिश की स्पेलिंग नहीं आती थी। इनमे से कई सर्टिफिकेट झारखंड बोर्ड के नाम से भी तैयार किये गये थे। घोटाला सामने आने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है।
आपको बता दें कि ग्रामीण डाक सेवा को लेकर चल रही बहाली में 11 अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र फर्जी मिले, जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. कंपनी बाग स्थित प्रधान डाकघर में आयोजित प्रमाणपत्र की जांच के दौरान यह मामला सामने आया है. इनके पास से कथित झारखंड के बोकारो इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक ही हाइ स्कूल के नाम से बना सर्टिफिकेट जब्त किया गया है. इस पर रौल कोड 25027 अंकित है।
झारखंड बोर्ड के सर्टिफिकेट के साथ आए एक कैंडिडेट को 500 में 491 नंबर मिला था. हैरान करने वाली बात यह है अभ्यर्थी जिस झारखंड बोर्ड का मैट्रिक सर्टिफिकेट लेकर आया था उस वर्ष झारखंड बोर्ड के (2020) में टॉपर को वहां 500 में 490 अंक ही मिला था, जबकि उसी साल के सर्टिफिकेट में अभ्यर्थी को 491 नंबर थे। दरअसल डाकघर में जीडीएस पद पर बहाल होने के लिए मैरिट लिस्ट में नाम आने के बाद इन अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए प्रधान डाकघर में बुलाया गया था। इनकी बहाली यूपी , उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में होनी थी।
पकड़े गए अभ्यर्थी
पकड़ाये गये अभ्यर्थियों में बक्सर जिले के नवानगर थाने के अमीरपुर निवासी मुकेश कुमार, सीवान जिले के दौरौंदा के कुडोर गांव निवासी विवेक कुमार तिवारी, सारण जिले के दरेनी थाने के हरिपुर निवासी जितेश कुमार, खैरा थाने के नया टोला निवासी संदेश कुमार, जलालपुर थाने के इनामीपुर निवासी राकेश कुमार पांडेय, जलालपुर के धनोज कुमार ठाकुर, बनियापुर के अमन कुमार व तरैया थाना क्षेत्र के गौंदरी निवासी विवेक कुमार, गोपालगंज जिले के सिधवलिया थाने के शेर निवासी राजन कुमार व कटैया के थाना के रामपुर कलां निवासी दिलीप कुमार यादव, पटना जिले के मोकामा के मोदन गाछी निवासी बादल कुमार शामिल हैं. इस मामले को लेकर आरएमएस यू डिवीजन कार्यालय के रेल डाक अधीक्षक राजेश कुमार ने नगर थाने में प्राथमिकी को लेकर आवेदन दिया है. फर्जी प्रमाण पत्र के साथ पकड़े गये सभी अभ्यर्थियों ने • पूछताछ जारी है।
इस तरह से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
फार्म में इन्होंने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए मुजफ्फरपुर सेंटर सलेक्ट किया था. यहां पहुंचे अभ्यर्थियों की जब सर्टिफिकेट की जांच की गई तो किसी का भी ऑनलाइन मिलान नहीं हुआ. इतना ही नहीं सर्टिफिकेट पर सभी के रोल कोड एक थे. इसके बाद इनपर शक गहराया. तब उन्हें पकड़ लिया गया. इनसे सख्ती से पूछताछ की गई तो दो कैंडिडेट ने फर्जी सर्टिफिकेट होने की बात कबूल ली. पुलिस पूछताछ में पता चला कि इनका दलालों से नौकरी के लिए पांच लाख में सौदा हुआ था. इसके लिए पहले ढाई लाख रुपए दिए थे. बांकी के ढाई लाख नौकरी ज्वॉइन करने के बाद दिए जाने थे. पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड को छपरा से गिरफ्तार किया है. यह बात भी सामने आई है कि गिरोह का नेटवर्क झारखंड तक फैला हुआ है. मामले में रेल डाक सेवा इंस्पेक्टर ने बताया कि जीडीएस पद के लिए भर्ती प्रक्रिया हो रही थी. मैरिट लिस्ट में नाम आने के बाद सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन के लिए इन्हें बुलाया गया था जिसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।