Chami Murmu Biography in Hindi: जानिये कौन है चामी मुर्मू जिसे मिलेगा पद्मश्री, लोग लेडी टार्जन भी कहते हैं, जानिये उनके बारे में ..
रांची। चामी मुर्मू को पद्मश्री के सम्मानित किया जायेगा। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म सम्मान के नामों का ऐलान किया गया। इसमें झारखंड की एक और बिहार से दो हस्तियां भी शामिल थी। महिला स्वाबलंबन की मिसास बन चुकी चामी मुर्मू को झारखंड में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण कहा जाता है। अबतक 2300 महिला समूह बनाकर 33 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का काम कर चुकी चामी मुर्मू ने पर्यावरण बचाने का अभियान छेड़ रखा है। अपने अभियान में चामी ने अब महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है।
चामी मुर्मू ने. उनके लगाए कई पौधे अब वृक्ष बन चुके हैं. इतने के बाद भी चामी मुर्मू रुकी नहीं हैं, पर्यावरण पर आज भी उनका अभियान जारी है। चामी मुर्मू जमशेदपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर राजनगर में रहती हैं। आर्थिक संकट के कारण चामी मुर्मू महज 10वीं तक पढ़ी हैं। पर्यावरण की दिशा में उन्होंने काम कैसे करना शुरू किया इस सवाल के जवाब में वह बताती हैं कि उन्होंने एक दिन अपने घर के सामने एक पौधे को देखा। वह देखरेख की कमी के कारण मुरझा रहा था। बस तभी से पर्यावरण की दिशा में काम करने की सोची।
चामी बताती हैं कि अब तो लगभग 33 वर्ष हो गए सरायकेला और अन्य क्षेत्रों में पौधा लगाने हुए। वह बताती हैं कि बंजर भूमि हो या मैदानी स्थल वे हर कहीं पौधा लगा दिया करती हैं। अब तक वे लगभग 30 लाख पौधे लगा चुकी हैं. वह बताती हैं कि पर्यावरण के क्षेत्र में काम करते-करते अब तो हजारों महिलाओं का साथ मिल चुका है। बैखौफ, निडर और बेबाक चामी मुर्मू को लोग उनके काम और उनकी मेहनत की वजह से लेडी टार्जन भी कहते हैं।
चामी मुर्मू को साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पर्यावरण के क्षेत्र में ‘नारी शक्ति का सम्मान मिला था। महिला सशक्तीकरण और पर्यवरण की जरूरत बन चुकीं चामी मुर्मू अपने इलाके की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। पौधरोपण के लिए चामी को वर्ष 1996 में इंदिरा गांधी वृक्ष मित्र पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।