झारखंड के स्कूली शिक्षा में होगा जल्द बदलाव.... विशेष शिक्षक के लिए नये मापदंड होंगे तय, कैबिनेट में लगेगी मुहर
रांची। झारखंड के स्कूलों का स्वरूप जल्द ही बदलेगा। प्राइमिरी स्कूल में 10 विशेष यानि दिव्यांग बच्चे होने पर विशेष शिक्षक की नियुक्ति करनी जरूरी होगी। वहीं कक्षा 6 से आठ तक के स्कूलों में 15 विशेष बच्चों पर एक स्पेशल एजुकेटर की भर्ती होगी। केंद्र के दिये निर्देश के बाद अब राज्य में भी जल्द इसका बदलाव होगा। अगली कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जायेगा। विशेष बच्चों की संख्या के आधार पर विशेष शिक्षा शिक्षकों की उपलब्धता अनिवार्य की गई है। सामान्य शिक्षकों की तरह विशेष शिक्षकों के लिए भी छात्र-शिक्षक अनुपात निर्धारित किया जा रहा है।
राज्य की आरटीई नियमावली में यह भी प्रावधान किया जा रहा है कि प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्तर पर किसी स्कूल में क्रमश: 10 या 15 विशेष बच्चे न होने की स्थिति में भी पूर्व के प्रावधान के तहत एक ऐसे शिक्षक अनिवार्य रूप से नियुक्त होगी। ये विशेष शिक्षक चार स्कूलों में समान रूप से अपनी भागीदारी देंगे। हालांकि इसमें यह भी शर्त होगा कि किन्हीं दो स्कूलों के बीच की दूरी पांच किमी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
दरअसल केंद्र सरकार स्कूलों के लिए समान शिक्षा का प्रावधान करने जा रही है। स्कूली बच्चों में आपसी विविधता नहीं रहे। दिव्यांग होने के बावजूद उन्हें सामान्य स्कूली बच्चों की तरह पढ़ाई और प्रशिक्षण कराया जाये, इसके लिए ही स्पेशल एजुकेटर की भर्ती की जायेगी।