छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में हुई ED-ACB की एफआईआर निरस्त करने के मामले की सुनवाई, जानें HC का फैसला
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में ईडी और एसीबी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को निरस्त करने अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर आदि की ओर से पेश क्रिमिनल मिस्लेनियस पिटीशन पर बुधवार शाम तक सुनवाई चली। मामले में लंबी बहस के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें, कि शराब घोटाले को लेकर एसीबी और ईडी ने अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सभी आरोपी पहले से ही रायपुर सेंट्रल जेल में हैं। अपने खिलाफ किये गए नए एफआईआर को निरस्त करने की मांग लेकर आरोपियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।
मामले में बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में सुबह से बहस शुरू हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि एक बार सुप्रीम कोर्ट ने जब एफआईआर क्वेश कर दी थी, तब पुराने तथ्यों और आधारों पर ही फिर एफआईआर दर्ज करना वैधानिक नहीं है। मामले में नए सिरे से जांच किए जाने के बाद ही यह कार्रवाई हो सकती थी। मामले में सभी पक्षों के तर्कों और बहस सुनने के बाद हाईकोर्ट की डीबी ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
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