सीओ साहब के गजब कांड: फर्जीवाड़ा कर लोक सेवा आयोग की परीक्षा की पास, अंचलाधिकारी बनते ही बना लिया कुबेर का खजाना…
Amazing scandal of CO sahab: Passed the Public Service Commission examination by fraud, made Kuber's treasure as soon as he became the Circle Officer...

Big News : भ्रष्टाचार के मामले में फंसे अंचलाधिकारी के खिलाफ बड़ा खुलासा हुआ है। सीओ ने ना सिर्फ काली कमाई कर अपनी तिजोरी बड़ी की, बल्कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी उन्होंने फर्जीवाड़ा कर पास की। अब भ्रष्टाचार के साथ-साथ वो चौतरफा फंसते दिख रहे हैं। दरअसल बिहार में निलंबित अंचलाधिकारी (सीओ) प्रिंस राज के मधुबनी और शेखपुरा स्थित ठिकानों पर विशेष निगरानी र्ईकाई ने छापेमारी की।
छापे में उनकी घोषित आय से 93 प्रतिशत अधिक अवैध संपत्ति का खुलासा हुआ है। साथ ही, फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र और उम्र में हेरफेर कर सेवा में आने के सबूत भी मिले हैं। मधुबनी और शेखपुरा स्थित उनके आवासों से टीम को अकूत चल-अचल संपत्ति, बैंक खातों और फिक्स डिपॉजिट में निवेश के प्रमाण मिले हैं, जो उनकी घोषित आय से लगभग 93 प्रतिशत अधिक हैं।
दरअसल प्रिंस राज वर्तमान में कोसी प्रमंडल में प्रतिनियुक्ति पर हैं। एसवीयू को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और पद का दुरुपयोग करने के ठोस प्रमाण मिले थे। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद बुधवार सुबह छापेमारी की गई।
अब तक मिली संपत्ति की सूची में शामिल हैं:
• मधुबनी स्थित खिरहर में प्रिंस राज का आवासीय भवन
• शेखपुरा के अरियरी बाजार में उनकी पत्नी अंकु गुप्ता का परिसर
• हजारीबाग के दीपगढ़ा में आवासीय परिसर
• मधुबनी रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन मकान
• विभिन्न बैंकों में उनके और पत्नी के नाम खातों की जानकारी
• फिक्स डिपॉजिट में भारी निवेश
• लाखों रुपये मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण
• हजारीबाग में बैंक ऑफ इंडिया में एक लॉकर की जानकारी भी मिली है
फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा:
एसवीयू की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा भी हुआ है कि प्रिंस राज ने धर्मेंद्र कुमार नाम से पहले द्वितीय श्रेणी में मैट्रिक परीक्षा पास की थी, जिससे उनका आईटीआई में प्रवेश नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने प्रिंस राज के नाम से फर्जी मैट्रिक प्रमाण पत्र बनवाया और उसी के आधार पर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की।
इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी जन्मतिथि में हेरफेर कर चार साल का अतिरिक्त लाभ भी उठाया। विशेष निगरानी इकाई ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए अलग से जांच शुरू करने की बात कही है।एसवीयू का कहना है कि प्रिंस राज ने छह वर्षों के सेवाकाल में ही अवैध रूप से विशाल संपत्ति अर्जित की और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की।