कॉलेज ने निकाली शिक्षक की बहाली, वेतन एक अकुशल मजदूर से भी कम

जमशेदपुर।एक अकुशल मजदूरों की प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी 375 रुपये है। यानी पूरे महीने काम करने पर उन्हें 11250 रुपये मानदेय मिलता है। कॉलेज शिक्षकों की हालत इन मजदूरों से भी खराब है। कम से कम मानदेय के मामले में तो ऐसा कहा ही जा सकता है। कॉलेज शिक्षकों के मजदूरों से कम वेतन का यह मामला इन दिनों इसलिए चर्चा में है, क्योंकि कोल्हान विवि के अंगीभूत कॉलेजों में से एक घाटशिला कॉलेज घाटशिला ने अस्थायी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जो नोटिस जारी किया है, उसमें इन शिक्षकों की जो प्रति कक्षा पारिश्रमिक तय की गई है, वह स्नातकोत्तर स्तर के लिए 350 रुपये है।

प्रति कक्षा तय दर को देख लग रहा होगा कि ठीक तो है। 2-3 कक्षा ले लेंगे शिक्षक को ठीक-ठाक मानदेय मिल ही जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। नोटिस में यह भी तय कर दिया इन शिक्षकों को प्रति महीने 8500 रुपये से अधिक मानदेय नहीं मिलेगा। इस हिसाब से यह कहना गलत न होगा कि कॉलेज शिक्षकों का यह मानदेय एक मजदूर से भी कम है। वह भी तब जब स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के दाय के लिए आवश्यक योग्यता नेट-पीएचडी एवं संबंधित विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्ण रखी गई है। इसके लिए विद्यार्थी 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कुल 7 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है। नियुक्ति का यह नोटिस प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी की ओर से जारी किया गया है।

प्रति कक्षा तय दर को देख लग रहा होगा कि ठीक तो है। 2-3 कक्षा ले लेंगे शिक्षक को ठीक-ठाक मानदेय मिल ही जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। नोटिस में यह भी तय कर दिया इन शिक्षकों को प्रति महीने 8500 रुपये से अधिक मानदेय नहीं मिलेगा। इस हिसाब से यह कहना गलत न होगा कि कॉलेज शिक्षकों का यह मानदेय मजदूरों से भी कम है। वह भी तब जब स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के शिक्षकों के लिए आवश्यक योग्यता नेट- पीएचडी एवं संबंधित विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्ण रखी गई है। इसके लिए विद्यार्थी 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए कुल 7 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया है। नियुक्ति का यह नोटिस प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी की ओर से जारी किया गया है।

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बहरहाल, अब इसको लेकर शिक्षक संघों में आक्रोश है। महाविद्यालय व विश्वविद्यालय पर शिक्षकों की गरिमा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है। रांची विश्वविद्यालय के वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अवधेश ठाकुर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि यह तो शिक्षकों के साथ मजाक है। आज के समय में दिहाड़ी मजदूर को भी इससे ज्यादा मानदेय मिलता है। दूसरे विश्वविद्यालयों में 500 से 600 रुपये प्रति क्लास दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय व कॉलेज प्रशासन या तो मानदेय बढ़ाए या फिर इस विज्ञापन को रद्द करे। बताते चलें कि नोटिस में भौतिक विज्ञान के लिए 1, रसायन विज्ञान के लिए 1, गणित के लिए 1, दर्शनशास्त्रत्त् के लिए 1, हिंदी के लिए 2, इंग्लिश के लिए 2 और अर्थशास्त्रत्त् के लिए 1 पद पर अस्थायी अतिथि शिक्षक की नियुक्ति किए जाने जिक्र है। इसमें मानदेय के रूप में स्नातक के विद्यार्थियों को पढ़ाने पर प्रति कक्षा 300 रुपये और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को पढ़ाने पर प्रति कक्षा 350 रुपये दिए जाएंगे।

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