मुआवजा या मजाक? रेल हादसे में मारे गये लोगों को थमा दिये 2000-2000 के नोट
कोलकाता। ओड़िशा के बालासोर में हुए ट्रेन एक्सीडेंट में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। मौत पर केंद्र और राज्य सरकारों ने मुआवजे का मरहम लगाया, तो कुछ जगहों पर मरहम लगाने के नाम पर जख्म को कुरेद दिया गया। ऐसा ही एक मामला कोलकाता में सामने आया है। जहां मदद के नाम पर मृतकों के परिजनों को 2000-2000 के नोट थमा दिये गये हैं। ये जानते हुए भी कि 2000 के नोटों को रिजर्व बैंक चलन से बाहर करने जा रहा है।
बैंकों में इसे बदलने के लिए कतारें लग रही है, बावजूद मृतकों के परिजनों को मुआवजा के नाम पर 2000-2000 के नोटों को थमाना मुआवजा के नाम पर मजाक ही लग रहा है। इधर इस मामले को लेकर बीजेपी ने सवाल खड़े किये हैं। बीजेपी ने इसे ब्लैक मनी को व्हाइट करने करने का हथकंडा करार दिया है। दरअसल ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने भी बंगाल से ताल्लुक रखने वाले मृतकों के परिजनों की मदद का ऐलान किया था।
ऐसे में पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का दावा है कि बंगाल के एक मंत्री ने मृतक के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी है। सुकांत मजुमदार का दावा है कि 2000 रुपये के नोटों में आर्थिक मदद की गई थी। वह यह भी सवाल उठाते हैं कि इन पैसों का स्रोत क्या है? उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें देखा जा सकता है कि दो महिलाएं चटाई पर बैठी हैं और एक महिला कुर्सी पर बैठी है, तीन महिलाएं दो हजार रुपये के नोट का बंडल पकड़े हुए हैं।
बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सवाल उठाते हैं कि क्या यह काले धन को सफेद करने का टीएमसी का तरीका नहीं है? सुकांत मजुमदार ने अपने ट्वीट के साथ लिखा है, 'ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के एक मंत्री पीड़ित परिवारों को तृणमूल पार्टी की ओर से 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं. मैं इस मदद की सराहना करता हूं. लेकिन इस संदर्भ में, मैं यह सवाल भी रख रहा हूं कि इस 2000 रुपये के नोटों के बंडल का स्रोत क्या है?'