कोरोना अलर्ट : कोरोना फिर से बढ़ने लगा है… केंद्र सरकार ने इन छह राज्यों को जारी किया अलर्ट…

नई दिल्ली । कोविड-19 के मामलों में तेजी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से 6 राज्यों को अलर्ट जारी किया गया है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जांच, निगरानी और बचाव के उपायों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि महाराष्ट्र में बीते एक हफ्ते में संक्रमण के मामले 355 से बढ़कर 668 हो गए हैं. गुजरात में कोविड-19 के मामले 105 से बढ़कर 279, तेलंगाना में 132 से बढ़कर 267, तमिलनाडु में 170 से बढ़कर 258 और केरल में कोरोना वायरस के मामले 434 से बढ़कर 579 हो गए हैं. वहीं, कर्नाटक में संक्रमण के मामले 493 से बढ़कर 604 हो गए हैं. भूषण ने कहा कि राज्य सरकारें फाइव फोल्ड स्ट्रैटेजी के तहत टेस्ट, ट्रीट, ट्रैक, कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर, वैक्सीनेशन की रणनीति का पालन करें।

महाराष्ट्र में कोरोना केस बढ़ना क्यों है सिरदर्द?


कोरोना संक्रमण के मामलों में महाराष्ट्र भी आगे है. कोरोना की अब तक आई सभी लहरों के दौरान महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले सबसे ज्यादा रहे थे. दरअसल, विदेशों से आने वाली ज्यादातर फ्लाइट महाराष्ट्र में ही लैंड करती हैं. इनमें से खाड़ी देशों से आने वाली फ्लाइट सबसे ज्यादा होती हैं. इसके बाद दिल्ली का नंबर आता है. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि कोरोना के नए वेरिएंट के प्रसार में महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य सबसे राज्य सबसे आगे रहे हैं।

कोरोना से लड़ाई में निगरानी है जरूरी


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन 6 राज्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि कुछ राज्यों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. जो इशारा करता है कि संक्रमण का संभावित स्थानीय प्रसार हो रहा है और इससे बचने के लिए जोखिम आकलन-आधारित रुख अपनाया जाना चाहिए. आठ मार्च तक एक सप्ताह में कोविड-19 के कुल 2,082 मामले दर्ज किए गए और 15 मार्च तक ये मामले बढ़कर 3,264 हो गए।

कोविड-19 से निपटने के लिए जारी किए निर्देश


केंद्र सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग, नमूने इकट्ठा करने और कोरोना वायरस के मामलों पर स्थानीय रूप से नजर रखने के साथ भीड़भाड़ वाली जगहों पर कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसी के साथ स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 के वेरिएंट से जुड़े मामलों, इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों पर भी नजर रखने की बात कही गई है।

109 दिन में पहली बार हुआ ऐसा


109 दिनों में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक्टिव मामलों की संख्या 5000 को क्रॉस कर गई है. हमारे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति को समझने के लिए आप इसी महीने का ग्राफ देखिए. पिछले 9 दिन में ये ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है. भारत में 8 मार्च तक कोरोना के कुल केस 2082 थे. जो 15 मार्च तक बढ़कर 3,264 हो गए थे. वहीं 16 मार्च को कोरोना के 700 से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए. अब देश में एक्टिव केस 5 हजार से ज्यादा हैं. 8 मार्च से लेकर 17 मार्च के बीच डेडली वायरस की रफ्तार दोगुनी से भी ज्यादा है।

कोरोना और H3N2 का डेडली कॉम्बिनेशन


कोरोना और H3N2 का एक साथ आना बहुत डेडली कॉम्बिनेशन हो सकता है. H3N2 इन्फ्लूएंजा के केस बहुत तेजी से बढ़े हैं. ये वायरस पहली बार देश में मौत का कारण बना है. H3N2 इन्फ्लूएंजा हर उम्र के लोगों पर अटैक कर रहा है, ठीक उसी समय कोरोना के केस का बढ़ना टेंशन का कारण बन गया है. अब कुछ राज्यों का एक हफ्ते का डेटा आपके सामने रखते हैं।


महाराष्ट्र में एक सप्ताह पहले संक्रमण के मामले 355 थे जो अब 925 से ज्यादा हैं यानी डबल से ज्यादा. गुजरात में एक सप्ताह में कोविड-19 के मामले 105 से बढ़कर 435 हो गए हैं. तेलंगाना में संक्रमण के मामले एक सप्ताह में 132 से बढ़कर 281 हो गए हैं. तमिलनाडु की बात करें तो यहां 7 दिन पहले कोरोना के कुल केस 170 थे जो अब बढ़कर 284 हो गए हैं. केरल में एक सप्ताह में कोरोना वायरस के मामले 434 से बढ़कर 1,625 तक पहुंच गए हैं. जिससे साफ है कि केरल में कोरोना का बड़ा विस्फोट हुआ है. कर्नाटक में इस दौरान संक्रमण के मामले 493 से बढ़कर 587 हो गए हैं.

HPBL Desk
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