हेमंत कैबिनेट में भाकपा-माले नहीं, जानिये इस फैसले से किस पार्टी के मंत्री पद का कोटा बढ़ेगा, इस समीकरण को समझिये
There is no CPI-ML in Hemant cabinet, know which party's ministerial quota will increase with this decision, understand this equation
रांची। अब फाइनल हो गया है कि भाकपा माले का कोई भी विधायक मंत्री नहीं बनेगा। भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कहीं। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि विधानसभा में पार्टी के सिर्फ दो विधायक हैं। इसलिए मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए सरकार पर उनकी पार्टी कोई दबाव नहीं बनाएगी, बल्कि हर कदम पर सरकार का साथ देगी।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भी पार्टी को मंत्री पद का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जब भाकपा-माले के पास आठ-दस विधायक हो जाएंगे, तब माले मंत्री पद को लेकर कोई विचार करेगा। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि खुशी है कि सदन में दो विधायक होंगे, जो सदन के अंदर व बाहर झारखंड की जनता के मुद्दे उठाएंगे।
पार्टी के इस फैसले से साफ है कि हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में भाकपा-माले शामिल नहीं होगा। माले को मंत्री पद नहीं चाहिए, लेकिन सरकार की कोऑर्डिनेशन कमेटी में पार्टी जरूर शामिल होगी। माले की मंत्री पद की दावेदारी छोड़ने का बड़ा फायदा कांग्रेस को मिलेगा। अब कांग्रेस कोटे से चार मंत्री हो सकते हैं। झामुमो की ओर से इस तरह के संकेत मिल रहे थे कि मंत्रिमंडल गठन में पांच विधायकों पर एक मंत्री पद का फार्मूला अपनाया जाएगा।
इस फार्मूले से कांग्रेस को तीन ही मंत्री पद मिलते लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में चार मंत्री पद मिलने के आसार बनते दिख रहे हैं।हेमंत सोरेन चौथी बार झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद अपना मंत्रिमंडल बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। चुनाव में झामुमो को अधिक सीटें मिलने के आधार पर झामुमो के कुछ नेताओं की ओर से तर्क दिया जा रहा था कि पार्टी को अधिक मंत्री पद चाहिए।
हालांकि जो नंबर सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक झामुमो को 6 मंत्री मिल सकते हैं, जबकि कांग्रेस को चार और राजद को एक मंत्री का पद मिलेगा। हालांकि नाम के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा।