धिक्कार है सरकार ! इलाज के बिना पिता की गोद में मासूम ने तोड़ दिया दम, भाजपा बोली, मासूम की जान....

साहिबगंज। झारखंड से एक बड़ी ही मार्मिक तस्वीर सामने आयी है। मलेरिया पीड़ित एक बच्ची ने अस्पताल में डाक्टर की मौजूदगी में पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया। बेटी को गोद में लेकर दहाड़ मारकर रो रहे पिता की तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। मामला साहिबगंज जिले का है, जहां एक आदिवासी बेटी की ईलाज के अभाव में मौत हो गयी।

इस मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा है कि, धिक्कार है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति इतनी बदतर है। एयर एंबुलेंस का हवा-हवाई जुमला फेंकने वाले हेमंत सोरेन आदिवासी बेटी के मलेरिया का ईलाज नहीं करा पाए।

जब यह आदिवासी बेटी ईलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर अपने पिता की गोद में दम तोड़ रही थी, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर में बैठ कर चिल्ला तोड़ने का वीडियो बनवा रहे थे और अपने चमचों के माध्यम से शेयर करवा रहे थे।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बांग्लादेशी मुसलमानों के लिए आसमान सिर पर उठा लेने वाले हेमंत सोरेन अपना वोटबैंक मजबूत करने के लिए आदिवासियों को हर हाल में मिटाना चाहते हैं। आदिवासी का मुखौटा लगाकर मुसलमानों के तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले हेमंत सोरेन की असलियत आदिवासी समाज जान चुका है। आगामी चुनाव में हमारा आदिवासी समाज बांग्लादेशी घुसपैठियों को राज्य से खदेड़ने के साथ-साथ धोखेबाज हेमंत सोरेन को भी सत्ता से उखाड़ फेंकेगा।

वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा है कि झारखंड में हेमंत सरकार के शासनकाल में आदिवासी समाज सबसे ज्यादा शोषित व वंचित है ! साहिबगंज सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में छह साल की मलेरिया पीड़ित आदिम जनजाति समाज की बच्ची ने अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया ! झारखंड में ग्रामीण क्षेत्र के आदिम जनजाति परिवार खतरे में है, उन तक मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं पहुंच रही !

जानकारी के मुताबिक मंडरों के सिमरिया गांव निवासी मथियस मालतो की छह साल की बेटी गोमदी पहाड़िन मलेरिया से पीड़ित थी। पिता उसे लेकर इलाज के लिए साहिबगंज सदर अस्पताल पहुंचे थे।

इस मामले में मथियस ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के बाद वह बेटी को गोद में लेकर कभी इमरजेंसी, तो कभी ओपीडी में डॉक्टरों को खोजते रहे लेकिन डॉक्टर कहीं नजर नहीं आये। बताया जा रहा है कि डॉक्टर पोस्टमॉर्टम हाउस में पोस्टमॉर्टम कर रहे हैं। इसी बीच इलाज के अभाव में उसकी बेटी की मौत हो गयी।

सूत्र ये भी बताते है की पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग ने कुछ डॉक्टरों का पदस्थापन सदर अस्पताल में किया था परन्तु इस वर्ष जुलाई महीने में जुगाड विधि अपना कर कुछ चिकित्सक अपने पूर्व स्थान पर चले गए। तब से डॉक्टर का पद रिक्त हो गया।

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