झारखंड की बेटियों ने रचा इतिहास…राष्ट्रीय स्कूल फुटबॉल चैंपियनशिप पर जमाया कब्जा!

Daughters of Jharkhand created history...captured the National School Football Championship!

68वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल फुटबॉल प्रतियोगिता में झारखंड की बालिका टीम ने नया इतिहास रच दिया। मणिपुर में 15 से 21 अप्रैल, 2025 तक आयोजित अंडर-19 बालिका वर्ग की इस प्रतियोगिता में झारखंड की बेटियों ने मेजबान मणिपुर को फाइनल में 2-0 से शिकस्त दी और खिताब अपने नाम कर लिया।

यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उन बेटियों की मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास का फल है, जिन्होंने प्रतियोगिता से पहले झारखंड के शिक्षा मंत्री से वादा किया था कि वे चैंपियन बनकर लौटेंगी। फाइनल मुकाबले में झारखंड की ओर से पूजा कुमारी और रीना कुमारी ने एक-एक गोल दागे। टीम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “बेटियों ने न केवल शानदार खेल दिखाया, बल्कि राज्य से किया अपना वादा भी निभाया। यह जीत आने वाली पीढ़ी की बेटियों के लिए प्रेरणा बनेगी।”

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक प्रतियोगिता की जीत नहीं, बल्कि झारखंड की हर उस बेटी की जीत है जो अपने सपनों को उड़ान देना चाहती है। मंत्री ने झारखंड की बालक टीम के प्रदर्शन की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “भले ही बालक टीम उपविजेता बनी हो, लेकिन उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में अपना लोहा मनवाया। यह हार अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है।” झारखंड की बालिका टीम की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन सोरेंग और खेल कोषांग के अन्य पदाधिकारियों ने टीम को बधाई दी है।

प्रतियोगिता से पहले मिला था खास उत्साह
प्रतियोगिता के लिए रवाना होने से पहले झारखंड की बालक और बालिका टीम ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात की थी। मंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि झारखंड की धरती मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की धरती है, जहां खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित कराया था कि टीम को हर जरूरी सुविधा मिले।

बालक टीम उपविजेता बनी
बालक वर्ग में झारखंड की टीम उपविजेता रही। फाइनल में उन्हें केरल के खिलाफ 1-3 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने हर मुकाबले में कड़ी चुनौती दी और टीम भावना का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। दोनों टीमें अब मणिपुर से झारखंड के लिए रवाना होंगी, और उनके स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।

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