महिला प्रदर्शनकारी की मौत : विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस से आशा कार्यकर्ताओं की धक्का मुकी, हुई बेहोश, इलाज के दौरान मौत

यमुनागर। विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस से झूमा झटकी में एक आशा कार्यकर्ता की मौत हो गयी। मौत के बाद हंगामा बढ़ गया। प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ता एसोसिएशन ने मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है। मृत आशा कार्यकर्ता का नाम पारुल है। दरअसल हरियाणा में प्रदेश भर की आशा कार्यकर्ता आंदोलन पर है। मानदेय बढोत्तरी व नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया था।

विधानसभा का घेराव के दौरान यमुनागर मिल्क टोल प्लाजा के पास पुलिस ने उनको चंडीगढ़ जाने से रोक दिया। इस दौरान पुलिस के साथ महिला आशा कार्यकर्ताओं की धक्का मुक्की शुरू हो गयी। उसमें यमुनानगर की पारुल बेहोश हो गई। अब इलाज के दौरान रात को उसकी मौत हो गई। उसकी मौत से प्रदेश भर की आशा वर्करों में रोष है।

दरअसल आशा वर्कर मानदेय 26 हजार करने और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग कर रही है। आशाक कार्यकर्ता यूनियन ने मृतक पारुल के परिजनों के लिए सहायता राशि ओर एक परिजन के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है। मृतक आशा वर्कर पारुल (40) पत्नी राजकुमार यमुनानगर के जोगेन्द्र नगर की रहने वाली थी। वह दो बच्चों की मां थी और प्रदेश भर की अन्य आशा वर्करों की तरह मांगों को लेकर धरने प्रदर्शन में शामिल हो रही थी।

HPBL Desk
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