Deoghar Encounter Case : मुठभेड़ में शहीद जवान मामले को परिजनों ने बताया साजिश के तहत हत्या! , CBI जांच की मांग
देवघर । शहर के श्यामगंज रोड (Shyamganj Road) अवस्थित अंडा पट्टी निवासी एक सामान्य मछली व्यवसायी को एक साथ दो पिस्टलधारी अंगरक्षक (Bodyguard) मुहैया कराने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
बड़ी बात यह है कि हालिया दिनों में ही मिले दोनों अंगरक्षक अपराधियों के साथ मुठभेड़ में शनिवार देर रात शहीद भी हो गए हैं। अपराधी पप्पू सिंह के साथ पुराने विवाद (Controversy) को लेकर धमकी दिए जाने व रंगदारी मांगे जाने से भयाक्रांत सुधाकर ने प्रशासन से अंगरक्षक की मांग की थी।
बड़ी बात यह है कि अधिकारियों ने उसे पिस्टल वाले दो अंगरक्षक मुहैया भी करा दिए।
जिस सुधाकर झा (Sudhakar Jha) ने अपनी जान पर खतरा बताते हुए अंगरक्षकों को लिया था, अंदेशा के अनुसार उसपर जानलेवा हमला हुआ भी, लेकिन उस हमले में वह जख्मी भर हुआ, जबकि उसकी सुरक्षा के लिए लगाए गए झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के दो जवान अपराधियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए।
परिजनों का आरोप है कि बीती रात करीब एक बजे के आसपास देवघर पुलिस के दो जवान शहीद पुलिसकर्मियों के शव को लेकर पहुंचे और चलते बने। देवघर पुलिस ने अभी तक रवि मिश्रा को शहीद का दर्जा नहीं दिया है
देवघर पुलिस की तरफ से शव का पोस्टमार्टम कराकर महज गार्ड ऑफ आर्नर दिया और परिजन के हाथ में एक बंद लिफाफा थमा दिया, जिसमें मात्र 10000 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिये गये हैं। प्रशासन के इस रवैये से आक्रोशित परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया था। वे वरीय पुलिस अधिकारी के आने की मांग कर रहे थे. परिजनों के आक्रोश का सामना मुफस्सिल थाना की पुलिस को करना पड़ा। अंतिम में सदर एसडीपीओ दुबे पहुंचे और स्वजनों को समझा बुझाकर शांत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने वरीय अधिकारी तक उनकी बात को रखेंगे और निष्पक्ष जांच की मांग भी रखेंग
परिजनों ने निष्पक्ष की जांच की मांग:
शहीद रवि मिश्रा के साला अविनाश कुमार मिश्रा ने देवघर पुलिस, जिला पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक परिजनों को घटना की जानकारी सही से नहीं दी गयी है. हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये हुए हैं. ऐसा कैसे हो सकता है ठुड्डी के नीचे, छाती पर और कांख के पास गोली लगेगी. यह सोची समझी साजिश के तहत हत्या है. दोनों जवान की मृत्यु का जांच सही से नहीं की जा रही है. नेता और पुलिस प्रशासन पर शक है कि वे लीपापोती कर मामला को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने मीडिया के माध्यम से निष्पक्ष जांच की मांग रखी है. वहीं मृतक के छोटे भाई ने भी CBI जांच की मांग की है।