1600 फोर्स की तैनाती: छठ पूजा पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात .... आसमान से रहेगी नजर, NDRF जवान भी तैनात
रांची: राज्य के बड़े छठ घाटों पर जिला प्रशासन की टीम के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवान भी तैनात किए गए हैं। एनडीआरएफ के साथ राज्य आपदा मोचन बल के प्रशिक्षु जवानों को भी लगाया गया है, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में तुरंत रेस्क्यू चलाया जा सके। प्रमुख डैम, नदी व तालाब जहां अत्याधिक भीड़ जुटने की संभावना बनी रहती है, वहां विशेष सुरक्षा के इंतजाम।
सभी छठ घाटों की सुरक्षा के मद्देनजर शहर को 6 जोन में बांटा गया है। छठ के दौरान पूरे शहर में 1600 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। इसके अलावा सादे लिबास में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
ड्रोन से होगी निगरानी
दो ड्रोन कैमरे से शहर के छठ घाटों की निगरानी की जाएगी। साथ ही घाटों पर हादसा से बचाव के लिए रबर ट्यूब और रस्सी से घेराव भी किया गया है। कांके, बड़ा तालाब, बटन तालाब और धुर्वा डैम पर एनडीआरएफ टीम की तैनाती की गई है। एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि पूरे शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए थानों को हाई अलर्ट किया गया है। प्रतिनियुक्त सभी मजिस्ट्रेट के साथ डीएसपी को हर घाट का प्रभारी बनाया गया है। वहीं, थानेदारों को लगातार गश्त लगाने का भी निर्देश दिया गया है। पुलिस और प्रशासन ने शहर के 15 अति संवेदनशील मार्गों को भी चिह्नित किया है।
महिला पुलिसकर्मी भी रहेंगी तैनात
महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। ये मनचलों से भी सख्ती से निबटेंगी। सभी छठ घाटों पर शक्ति कमांडो भी तैनात होंगी। इसके अलावा जिले में योगदान देने वाली नई महिला सब इंस्पेक्टर को भी तैनात किया गया है।
स्वयं भी रहे अलर्ट
जलाशयों में सुरक्षा को लेकर निश्चित रूप से जिला प्रशासन और सामाजिक संगठनों द्वारा आवश्यक इंतजाम किए गए होंगे लेकिन हमें भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा ताकि यह बिना कोई दुर्घटना के साथ यह पर्व शांति और सुरक्षा के साथ मनाया जा सके। जलाशयों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पानी मे उतरने की सीमाएं तय कर उनका स्पष्ट रूप से प्रकटीकरण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए, जिससे लोग आसानी से सुरक्षा सीमा को देख सकें। हमें भी ऐसी निर्धारित सीमाओं का अनुपालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
महिलाओं व बच्चों का विशेष रूप से रखें ध्यान
सुरक्षा को लेकर जलाशयों के पास महिलाओं खासकर बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। छठ व्रतियों को अर्ध्य देने में कोई परेशानी न हो, इसपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि कुछ युवा तथा किशोर बीच पानी में चले जाते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। इससे व्रतियों को भी परेशानी होती है। सभी लोग सुरक्षा के साथ भगवान सूर्य की आराधना कर सकें तथा अर्ध्य दे सकें, इसके लिए हमें सहयोग और समर्पण की भावना के साथ काम करना होगा।