Tuesday Remedies: संकटमोचन से हर बाधा का नाश, ये सरल उपाय मिटा देंगे हर दुख
Mangalwar Ke Upay: सप्ताह मंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से हर भय और संकट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मंगलवार व्रत और पूजा करने जातक की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। आज हनुमान जी की पूजा के साथ मां गौरी और भैरव जी की उपासना करना भी फलदायी होगा। दरअसल, आज मंगला गौरी का व्रत और कालाष्टमी भी मनाई जाएगी। कालाष्टमी के दिन भगवान शंकर के भैरव स्वरूप की उपासना की जाती है। वहीं मंगला गौरी व्रत में माता पार्वती की आराधना करने का विधान है। ऐसे में आज शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इन उपायों को जरूर करें।
1. अपने घर की सुख-समृद्धि के लिए और अपने परिवार को हर बुरी नजर से बचाये रखने के लिए आज आपको एक छोटा-सा मिट्टी का बर्तन लेना चाहिए। अब उस बर्तन में शहद डालना चाहिए और उसके ऊपर ढक्कन लगाना चाहिए। इस प्रकार मिट्टी के बर्तन में शहद डालकर, उस पर ढक्कन लगाकर हनुमान जी के मंदिर में रख आएं।
2. अगर आप अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं। तो आज आपको भैरव जी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।’
3. अगर आपको जीवन में कोई परेशानी है, तो आज आपको सरसों के तेल में चुपड़ी हुई एक रोटी लेकर काले कुत्ते को डालनी चाहिए। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’
4. अगर आप संतान सुख पाना चाहते हैं तो आज स्नान आदि के बाद एक जटा वाला नारियल और सवा मीटर लाल कपड़ा लें । अब नारियल पर उस लाल कपड़े को लपेट दें। इस प्रकार लाल कपड़े से लिपटे हुए नारियल को हनुमान जी के मंदिरमें चढ़ा दें। उसके बाद मंदिर में या फिर अपने ही घर में उचित स्थान पर बैठकर हनुमानष्टक का पाठ करें।
5. आज आपको स्नान आदि के बाद शिव जी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठना चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जाप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’। आज ऐसा करने से आपके जीवनसाथी की परेशानी दूर होगी, जिससे आपकी भी परेशानी का हल निकलेगा।
6. अगर आपको अपने किसी काम को करने में कोई परेशानी आ रही है और वह पूरा नहीं हो पा रहा है तो आज एक मौली, यानि कलावा लेकर हनुमान जी के मंदिर जाएं और वहां जाकर उस मौली को हनुमान जी के चरणों में रख दें। अब भगवान के चरणों से सिंदूर लेकर अपने माथे पर टीका लगाएं। उसके बाद वहां रखी मौली में से एक लंबा सा धागा निकालकर अपने हाथ की कलाई में बांध लें और बाकी बची हुई मौली को वहीं मंदिर में ही रखा रहने दें।
7. अगर आप अपने परिवार की खुशियां बरकरार रखना चाहते हैं तो आज स्नान आदि के बाद थोड़े-से चमेली के फूलों को इकट्ठा करें। अब उन चमेली के फूलों की माला बनाएं और हनुमान जी के मंदिरमें जाकर भगवान को वो माला अर्पित करें। साथ ही अपने परिवार की खुशियों की दुआ करते हुए एक धूपबत्ती भी जलाएं।
8. अगर आप कुछ-कुछ दिनों के अंतराल में अपने आपको आर्थिक समस्याओं से घिरा पाते हैं और अब इस स्थिति से जल्द से जल्द बाहर निकलना चाहते हैं, तो आज आपको हनुमान जी के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ‘ऊँ हं हनुमते नमः।’
9. अगर आप अपनी पारिवारिक खुशियों को बनाए रखना चाहते हैं तो आज के दिन आपको सूखे नारियल को घिसकर, उसको घी में अच्छे से भूनकर, उसमें शक्कर मिलाकर बर्फी बनानी चाहिए। साथ ही उसमें खुशबू के लिए थोड़े-से इलायची के दाने भी डालने चाहिए और बर्फी को त्रिकोण आकृति, यानि त्रिकोण शेप में काटकर लक्ष्मी मां को भोग लगाना चाहिए। भोग लगाने के बाद बाकी बर्फी को प्रसाद के रूप में परिवार के सब सदस्यों में बांट दें।
10. अगर आपके बच्चों की शादी में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो आज भरणी नक्षत्र के दौरान आपको कुम्हार के घर से थोड़ी-सी मिट्टी लानी चाहिए। घर लाने के बाद उस मिट्टी को एक सफेद रंग के कपड़े में बांधकर मंदिर में रख दीजिए। इसके बाद शुक्र के मंत्र का 11 बार जाप करें । मंत्र है- ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:’। जप करने के बाद उस मिट्टी से बंधी पोटली को बच्चे को अपने पास रखने के लिए दे दें।
11. अगर आप जीवन में सुख-समृद्धि पाना चाहते हैं तो आज आपको आंवले के पेड़ के पास जाकर उसकी जड़ में जल चढ़ाना चाहिए । साथ ही हाथ जोड़कर आंवले के वृक्ष को प्रणाम करना चाहिए। अगर आपके आस-पास आंवले का पेड़ न हो तो आप आंवले के फल का भी दर्शन कर सकते हैं।
12. अगर आप अपना तेज कायम रखना चाहते हैं तो आज आपको एक अच्छी खुशबू वाला इत्र लाना चाहिए और मंदिर या किसी धर्मस्थल पर वो इत्र देना चाहिए। साथ ही अपने तेज को कायम रखने के लिए भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।