46 साल बाद आज फिर खुलेगा रत्न भंडार का खजाना, सबसे पहले अंदर जायेंगे संपेरे

पूरी। विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न और जेवरात की गिनती 46 साल से नहीं हुई है। बताया गया है कि एक वजह इसकी चाबी का गायब हो जाना था। दूसरी वजह रत्न भंडार में भयानक कोबरा (नाग) की उपस्थिति बताई गई है। आइए जानते हैं, जब 14 जुलाई को मंदिर के रत्न भंडार खोले जाएंगे, तब क्या होगा?

ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोलने की तैयारी है. हाई कोर्ट जज के नेतृत्व में बनी समिति ने मंदिर के खजाने को खोलने की प्रक्रिया तेज कर दी है. 14 जुलाई को करीब चार दशक बाद, रत्न भंडार का दरवाजा खोला जाएगा. आखिरी बार इसका दरवाजा 1985 में खुला था लेकिन तब सिर्फ मरम्मत की गई थी. रत्न भंडार में मौजूद खजाने का लेखा-जोखा आखिरी बार 1978 में लिया गया था.

राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की. पारंपरिक पोशाक का पालन करते हुए, सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा होगी. एहतियात के तौर पर सबसे पहले अधिकृत कर्मी और एक सांप पकड़ने वाला कोषागार में प्रवेश करेगा.

डुप्लीकेट चाबी से खुलेगा रत्न भंडार

ओडिशा HC के जस्टिस विश्वनाथ रथ की अगुवाई में बनी समिति ने कहा कि इसकी पुष्टि हो गई है कि रत्न भंडार की एक डुप्लीकेट चाबी मौजूद है. 9 जुलाई को हुई बैठक में 14 जुलाई को रत्न भंडार खोलने का प्लान तैयार हुआ. हालांकि राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही रत्न भंडार को खोजा जा सकता है. रथ ने रिपोर्टर्स से कहा, 'रिकॉर्ड्स बताते हैं कि मौजूदा चाबी से शायद भीतरी चैंबर नहीं खुलेगा. इसे देखते हुए हम ताला तोड़ने की खातिर एक SOP तैयार करेंगे. चूंकि भीतरी चैंबर दशकों से नहीं खुला है, हो सकता है ताले में जंग लग गई हो.'

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