हाईकोर्ट से DM को फटकार : नाफरमानी पर बुरे फंसे डीएम, गिर सकती है गाज… कोर्ट ने पूछा, क्यों ना आपलोगों पर चलायी जाये अवमानना की कार्यवाही

रांची: बिहार के कटिहार जिले के DM की मुश्किलें बढ़ने वाली है। खंडपीठ के फैसले को नहीं मानने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जतायी है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में इस मामले पर सुनवाई हुई। इस दौरान कटिहार डीएम उदयन मिश्रा के उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने इस मामले में कटिहार डीएम पर चार्ज फ्रेम (आरोप गठन) किया जाए या नहीं, इस पर सुनवाई के लिए तीन नवंबर को होगा।

अदालत ने तीन नवंबर को चार्ज फ्रेम से पहले सुनवाई करने की बात कही। कटिहार डीएम की ओर से पेशी से छूट के लिए आवेदन दाखिल किया गया। उनकी जगह पर एसडीएम कोर्ट में पेश हुए थे। इस मामले में साहिबगंज के डीसी भी कोर्ट में हाजिर हुए थे। अदालत ने कोर्ट का आदेश पालन नहीं किए जाने पर फटकार लगाई। साहिबगंज डीसी की ओर से जवाब दाखिल किया गया। अदालत ने कहा कि जवाब का अवलोकन करने के बाद कोर्ट चार्ज फ्रेम करने पर निर्णय लेगा। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करते हुए सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया था।

अदालत ने दोनों अधिकारियों को पूछा है कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर क्यों नहीं आप दोनों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। इस संबंध में प्रकाश चंद्र यादव की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में दोनों अधिकारियों को गंगा नदी में अपने मालवाहक जहाज को चलाने की अनुमति प्रदान करने का निर्देश दिया था। दोनों अधिकारियों ने अनुमति नहीं दी। प्रार्थी के अधिवक्ता विमल कीर्ति सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थी जय बजरंग बली स्टोन वर्क्स के संचालक हैं। उन्होंने समदा घाट (साहिबगंज) और मनिहारी घाट (कटिहार) के बीच गंगा नदी में अपना मालवाहक जहाज चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला उपायुक्त ने इसकी अनुमति नहीं दी। संताल परगना प्रमंडल के आयुक्त ने भी प्रार्थी को वैध समझौते के तहत जहाजों को फेरी लगाने की अनुमति प्रदान की थी। लेकिन साहिबगंज और कटिहार के जिला प्रशासन ने याचिकाकर्ता को मालवाहक जहाज संचालित करने की अनुमति नहीं दी। जब झारखंड हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में एक आदेश दिया, तो दोनों जिला प्रशासन ने बाधा उत्पन्न की।

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