डाक्टर की हार्ट अटैक से मौत: कोरोना काल में फरिश्ता बनकर बचायी थी कईयों की जान, हार्ट अटैक से गयी जान, धनबाद में कई जगहों पर रहे थे पदस्थ

धनबाद। कोरोनाकाल में फरिश्ता बनाकर मरीजों की सेवा करने वाले डॉक्टर विजेंद्र कुमार नहीं रहे। सदर अस्पताल धनबाद से हाल के दिनों में ही उनका तबादला चास हुआ था। कोरोना काल में उन्होंने धनबाद सदर अस्पताल में उन्होंने कोरोना मरीजों का जान पर खेलकर इलाज किया था। 55 वर्षीय विजेंद्र कुमार के निधन पर कोयलांचल के डाक्टरों में शोक की लहर है।

रविवार को वो परिवार के साथ हजारीबाग गए थे, हजारीबाग से बोकारो के फुसरो लौट रहे थे। घर पहुंचते ही रात 9:00 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया और कुछ ही मिनट में ही उनकी मौत हो गई। फुसरो स्वास्थ्य केंद्र में उनकी बेटी डॉ रश्मि पोस्टेंड है। डाक्टर विजेंद्र का धनबाद से चास तबादला हुआ था।

धनबाद में पोस्टिंग के दौरान वे गोबिंदपुर, तोपचांची, झरिया और धनबाद सदर अस्पताल में पदस्थ रहे। वो 10 साल से ज्यादा वक्त तक धनबाद के अलग-अलग जगहों पर पदस्थ रहे। कोरोना काल में उनके समर्पण की खूब तारीफ हुई थी। उनका हाथ फ्रैक्चर होने के बावजूद भी वो बिना छुट्टी लिये मरीजों के इलाज में लगे रहे।

वो अपने पीछे पत्नी और एक बेटा और बेटी छोड़ गये हैं। बेटा और बेटी दोनों डाक्टर है। बेटी जहां फुसरो पीएचसी में पदस्थ हैं, तो वहीं बेटा राजा अभी पीजी की पढ़ाई कर रहा है। डा विजेंद्र की सादगी और मिलनसार व्यवहार को हर कोई याद कर रहा है।

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