Donald Trump का नया टैरिफ प्लान, फार्मा स्टॉक्स के निवेशकों को होगा तगड़ा फायदा, क्या महंगी होंगी दवाएं?

Donald Trump का नया टैरिफ प्लान, फार्मा स्टॉक्स के निवेशकों को होगा तगड़ा फायदा, क्या महंगी होंगी दवाएं?

Donald Trump New Tariff Plan: शेयर बाजार में अचानक भारी गिरावट, फार्मा स्टॉक्स बुरी तरह टूट गए, निवेशकों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या यह गिरावट वाकई चिंता की बात है, या फिर यह एक सुनहरा मौका हो सकता है?अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने बाजार को हिला दिया उन्होंने भारत पर “reciprocal tariffs” लगाने की बात कही है। इस ऐलान से निवेशकों में घबराहट बढ़ गई, लेकिन एक्सपर्ट्स की राय कुछ और कहती है। क्या फार्मा इंडस्ट्री पर इसका बड़ा असर होगा या फिर यह सिर्फ एक अस्थायी झटका है? आइए जानते हैं इस फैसले के पीछे की सच्चाई और आगे की संभावनाएं।

ट्रंप के टैरिफ से गिरावट, लेकिन निवेशकों के लिए मौका

अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने हाल ही में भारत के लिए “reciprocal tariffs” लगाने की बात कही है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में हलचल मच गई है। इस खबर के बाद भारतीय फार्मा स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को निफ्टी 23000 के नीचे बंद हुआ, जबकि फार्मा इंडेक्स में करीब 3% की गिरावट दर्ज की गई। इस साल अब तक NIFTY Pharma इंडेक्स में 11% से अधिक गिरावट आ चुकी है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह गिरावट निवेशकों के लिए अच्छा मौका हो सकती है, क्योंकि फार्मा सेक्टर का भविष्य अभी भी मजबूत दिख रहा है।

फार्मा सेक्टर पर कितना असर?

Donald Trump के इस फैसले से भारत की दवा कंपनियों पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन यह बहुत बड़ा नहीं होगा। भारत हर साल अमेरिका को 7.6 बिलियन डॉलर की दवाएं एक्सपोर्ट करता है, जबकि अमेरिका से सिर्फ 600 मिलियन डॉलर यानी 4,980 करोड़ रुपए की दवाएं इंपोर्ट करता है। अमेरिका इस समय भारतीय फार्मा इंपोर्ट पर कोई टैरिफ नहीं लगाता, जबकि भारत अमेरिकी दवाओं पर 10% टैरिफ लगाता है। अगर ट्रंप टैरिफ लगाते भी हैं, तो भारतीय कंपनियां इसकी भरपाई के लिए अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ा सकती हैं। इससे उनकी मुनाफे की संभावनाएं बनी रहेंगी।

अमेरिका को भारत से दवाओं की जरूरत

अमेरिका में 90% दवाएं जेनरिक होती हैं, जिनका बड़ा हिस्सा भारत से इंपोर्ट किया जाता है। ऐसे में ट्रंप प्रशासन के लिए इन दवाओं पर टैरिफ लगाना आसान नहीं होगा, क्योंकि इससे अमेरिका में दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। अमेरिका में पहले से ही हेल्थकेयर खर्च एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। अगर टैरिफ लगाया जाता है, तो अमेरिकी सरकार पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे ट्रंप को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।

निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है। भारतीय फार्मा कंपनियां न केवल अमेरिका में अपना कारोबार बढ़ा रही हैं, बल्कि वहां अपने खुद के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी स्थापित कर रही हैं। अगर टैरिफ लागू होता है, तो कंपनियां अपनी रणनीति बदल सकती हैं और अमेरिकी बाजार में उत्पादन बढ़ा सकती हैं। ऐसे में फार्मा सेक्टर के स्टॉक्स आने वाले समय में दोबारा मजबूती पकड़ सकते हैं। निवेशकों को इस गिरावट को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए और भविष्य के लिए निवेश करने पर विचार करना चाहिए।

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