DSP गिरफ्तार: 2015 बैच का DSP देश से गद्दारी के आरोप में गिरफ्तार, आतंकवादियों से लेता था पैसे, टेलीग्राम एप पर होती थी बातें

जम्मू कश्मीर। देश से गद्दारी के आरोप में DSP आदिल मुश्ताक को गिरफ्तार किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी शेख आदिल मुश्ताक पर आतंकवादी से रिश्तों का आरोप लगा है। डीएसपी पर आरोप है कि उसने आरोपी को गिरफ्तार होने से बचाने में मदद की। इस मामले में डीएसपी ने जांच अधिकारी को ही फंसाने की कोशिश की थी। पुलिस ने उसे गुरुवार को घर से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि जब पुलिस पहुंची तो उसने भागने की कोशिश की लेकिन जवानों ने उसे कड़ी मशक्कत के बाद दबोच लिया। पिछले तीन साल के दौरान पुलिस का आतंकियों की मदद करने से जुड़ा यह दूसरा मामला है। 2020 में कश्मीर के DSP दविंदर सिंह को हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों को आश्रय देने और दिल्ली ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दविंदर सिंह अभी जेल में बंद हैं।

शेख आदिल कश्मीर के बारामूला जिले का रहने वाला है और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 2015 बैच का अधिकारी है। DSP आदिल मुजामिल जहूर से लगातार संपर्क में था। वह उसे टेरर फंडिंग केस में लगातार बचाने की कोशिश में लगा हुआ था। पुलिस को आदिल और मुजामिल के बीच टेलीग्राम ऐप पर चैट और करीब 40 बार फोन पर बातचीत के रिकॉर्ड भी मिले हैं।श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शेख आदिल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इनमें झूठे सबूत देना और सबूत नष्ट करना भी शामिल है। डीएसपी को गिरफ्तार करने के बाद मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 6 दिन की हिरासत में रखने का आदेश दिया गया। सूत्रों की मानें तो आतंकवादी के फोन की जांच में यह भी सामने आया कि एनकाउंटर के दौरान भी डीएसपी आतंकवादी के संपर्क में था। पुलिस ने इस आतंकवादी को जुलाई में गिरफ्तार किया था। इतना ही नहीं डीएसपी ने आतंकी को कानून के शिकंजे से बचने के तरीके भी बताए थे।

डीएसपी आतंकी से बात करने के लिए टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल करता था। इस दौरान करीब 40 बार आतंकी और डीएसपी के बीच फोन पर बातचीत हुई थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो डीएसपी के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ पैसों के लेनदेन का खुलासा भी हुआ है। डीएसपी ने आतंकवादी से 5 लाख रुपए भी लिए थे। उसने लश्कर की फंडिग को मैनेज करने के लिए एक खाता भी खुलवाया था।

दरअसल, टेरर फंडिंग केस में इसी साल फरवरी महीने में पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 31 लाख रुपए जब्त किए गए थे। तीनों ने पूछताछ के दौरान मुजामिल जहूर के नाम का खुलासा किया था।
जांच के दौरान डीएसपी आदिल और मुजामिल जहूर के बीच संपर्क का खुलासा हुआ। मार्च में डीएसपी आदिल को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं पुलिस मुजामिल की तलाश कर रही थी। इस बीच उसने जुलाई में मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया।
केस दर्ज कराने के 4 दिन बाद मुजामिल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि मुजामिल ने जिस पुलिस अफसर के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी, उसकी शिकायत भी DSP शेख आदिल ने ही ड्राफ्ट की थी। इतना ही नहीं, मुजामिल को गिरफ्तारी से बचाने के लिए शेख आदिल उसे कानूनी सलाह भी दे रहा था।

HPBL Desk
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