ED raid: भूपेश बघेल के घर ईडी की छापेमारी खत्म, 33 लाख रुपये बरामद; कांग्रेस नेता ने भाजपा पर किया तंज

ED raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उनके घर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी खत्म हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने बताया कि उनके घर से केंद्रीय जांच एजेंसी को 33 लाख रुपए मिले हैं, जिनका वह हिसाब देने के लिए तैयार हैं।ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में भूपेश बघेल और उनके बेटे के आवास पर छापेमारी की। एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी की टीमों ने दिनभर जांच पड़ताल की है।
भूपेश बघेल ने रात करीब पौने आठ बजे एक्स पर बताया कि ईडी की टीम उनके घर से चली गई है। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ईडी की टीम को उनके घर से तीन चीजें मिली हैं जिनमें मंतूराम और डॉ पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह जी के दामाद) के बीच करोड़ों के लेनदेन की बातचीत की पेनड्राइव और डॉ रमन सिंह जी के पुत्र अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के कागज शामिल हैं।
ED raid:बघेल ने यह भी बताया कि उनके घर से 33 लाख रुपए कैश की बरामदगी हुई है। उन्होंने कहा, ‘पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन, ‘कैश इन हैंड’ मिलाकर लगभग 33 लाख रुपए, जिनका हिसाब उनको दिया जाएगा।’ पूर्व सीएम ने कहा कि ED के अधिकारी कोई ECIR नंबर नहीं दे पाए हैं। दोपहर में ईडी के अधिकारियों ने कैश गिनने की मशीनें भी पूर्व सीएम के घर मंगवाई थी। अभी जांच एजेंसी की ओर से बरामदगी का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है।
रेड खत्म होने के बाद भूपेश बघेल ने आवास के बाहर दिनभर हंगामा करते रहे समर्थकों से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर समर्थन के लिए उनका आभार जताया। बघेल ने कहा, ‘जिस तरह आप लोगों ने मेरा उत्साहवर्धन किया। इस संकट के समय में खड़े रहे डटकर इसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपका आभार जताता हूं।’
ED raid:क्यों बघेल के घर भी पहुंची ईडी
भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई (दुर्ग जिले) स्थित परिसरों, चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य के परिसरों में भी पीएमएलए ऐक्ट के तहत तलाशी ली गई। ईडी सूत्रों ने बताया कि चैतन्य बघेल अपने पिता के साथ भिलाई में रहते हैं, इसलिए उस परिसर पर भी छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि संदेह है कि वह (चैतन्य बघेल) शराब घोटाले के अपराध से हुई आय के ‘प्राप्तकर्ता’ हैं।
ED raid:क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले’ के कारण राज्य के राजस्व को ‘भारी नुकसान’ हुआ और इस अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई। इस मामले में ईडी ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। इस जांच के तहत ईडी ने अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। शीर्ष अदालत ने 2024 में इस मामले में ईडी की पहली ईसीआईआर (प्राथमिकी) खारिज कर दी थी, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी।झारखंड: सड़क हादसे में मामा-भांजा समेत तीन की गयी जान, पुलिस मामले की जांच में जुटी