मौत के बाद भी छह लोगों को नयी जिंदगी दे गया 10वीं का ये टॉपर… शिक्षा मंत्री भी रो पड़े, पढ़िये
तिरुअनंतपुरम । 10वीं का रिजल्ट घोषित होने से पहले सड़क दुर्घटना में मारे गए 10वीं कक्षा के टॉपर के अंग दान से छह मरीजों की जान बचाई गई। छात्र के पिता बिनीश कुमार और मां रजनीश अपने 16 वर्षीय बेटे बीआर सारंग के अंग दान करने के लिए तैयार हो गए। मामला केरल के तिरुअनंतपुरम का है। केरल में 10वीं कक्षा के टॉपर 16 वर्षीय सारंग का नतीजे जारी होने से पहले ही बुधवार को निधन हो गया। केरल एसएसएलसी परीक्षा में उन्होंने ए + ग्रेड हासिल किया था। वह अत्तिंगल के गवर्नमेंट बॉयज स्कूल का छात्र था। सारंग छह मई को दोपहर तीन बजे के करीब कुन्नाथुकोनम पुल के पास एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे,जब वह अपनी मां के साथ एक ऑटो में सफर कर रहे थे। जिसके बाद से ही उनका इलाज चल रहा था।
सारंग बेहद प्रतिभावान फुटबॉल खिलाड़ी था। वह एटिंगल में केरला ब्लास्टर्स के प्रशिक्षण सत्र में जाना चाहता था। उसने अस्पताल में उपचार के दौरान भी फुटबाल के लिए जूते खरीदने की अपनी इच्छा जताई थी। केरल एसएसएलसी टॉपर बीआर सारंग की आसामयिक मौत के बाद उनके माता-पिता ने उनके अंगों को दान करने का फैसला किया, जिससे छह लोगों की जान बचाई जा सकी। सारंग के माता-पिता ने छह लोगों को उसके अंग जैसे आंखें, लीवर, दिल और बोन मैरो दान करने के लिए तैयार हो गए। सारंग का दिल दूसरे दिन कोट्टायम में एक बच्चे के लिए लिया गया था। अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिवार को शव सौंप दिया गया है।
शिक्षा मंत्री भी रो पड़े
इससे पहले शुक्रवार को राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसएलसी परिणामों की घोषणा करते समय भावुक हो गए थे। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मंत्री की आंखों में आंसू आ गए, जब उन्होंने बताया कि सारंग ने टॉप ग्रेड हासिल किया था,जिसकी हाल ही में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी।
शिवनकुट्टी ने कहा था, “तिरुवनंतपुरम में एक दुर्घटना में मारे गए दसवीं कक्षा के छात्र सारंग ने सभी विषयों के लिए पूर्ण ए प्लस ग्रेड हासिल किया है।वह भी बिना ग्रेस मार्क्स । ” उन्होंने कहा कि अंगदान करने के परिवार के फैसले से समाज को समाज सेवा के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने सारंग के परिवार के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की।