झारखंड: आमरण अनशन के बाद भी पूरी नहीं हुई शिक्षकों की मांग, बिना प्रमोशन शिक्षक हो रहे रिटायर, प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल मिला शिक्षा मंत्री से
Jharkhand: Demands of teachers not fulfilled even after fast unto death, teachers are retiring without promotion, delegation of Primary Teachers Association met the Education Minister
जमशेदपुर। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान की उम्मीद बंधती दिख रही है। जब से रामदास सोरेन ने मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है, तभी से वो लगातार शिक्षकों की समस्याओं को लेकर लगातार विभाग से फीडबैक ले रहे हैं। इन सब के बीच आज अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षक नेता सुनील कुमार के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मिला।
जमशेदपुर स्थित आवास पर मिलकर राज्य के शिक्षकों के लिए एमएसीपी की मांग करते हुए ज्ञापन दिया गया।श्री कुमार ने मंत्री को कहा गया कि पूर्ववर्ती बिहार सरकार ने तीन वर्ष पूर्व ही एमएसीपी का लाभ अपने राज्य के शिक्षकों को दिया है। झारखंड में पूर्व से ही बिहार का नियम अंगीकृत है। इसके साथ ही झारखंड के शिक्षकों हेतु एमएसीपी लागू करने की मांग पर शिक्षक संघ पिछले कई वर्षों से लगातार मांग करते हुए आंदोलित है।
इसी आलोक में तीन-चार माह पूर्व रांची में एमएसीपी की मांग को लेकर राज्य स्तर पर आमरण अनशन भी किया गया था। तत्कालीन शिक्षा मंत्री सहित विभागीय आश्वासन पर अनशन तोड़ा गया था। इसके बाद एमएसीपी पर एक अंतर विभागीय बैठक का भी आयोजन हुआ था। तत्पश्चात विधानसभा चुनाव आदि के कारण मामला लंबित रह गया।
संघ के सदस्यों ने मंत्री से कहा कि राज्य के हजारों शिक्षक बिना प्रोन्नति के प्रतिमाह सेवानिवृत्ति होते जा रहे हैं। अगर एमएसपी लागू हो जाता तो इससे शिक्षकों को आर्थिक लाभ होता। इसलिए एमएसीपी अति आवश्यक है। श्री कुमार सहित उपस्थित संघ के सभी सदस्यों ने मंत्री से शीघ्र पहल करते हुए राज्य के शिक्षकों हेतु एमएसीपी लागू करने की मांग की।
इस अवसर पर संजय केसरी, श्री माधिया सोरेन, संजय कुमार, अजम्बर सिंह सरदार, सुनील कुमार यादव, भूरका बयार बेसरा, दास बेसरा, सनत कुमार भौमिक, सुब्रतो मलिक, देवाशीष सोरेन, सरोज कुमार सिंह, आशुतोष कुमार सिंह, बूटा अर्चना, लक्ष्मीकांत महतो सहित सैकड़ो शिक्षक शामिल थे।