शहादत के तीन दिन बाद भी शहीद का शव नहीं पहुंचा घर, फट पड़ा घरवालों का गुस्सा, पत्नी रह-रहकर हो रही बेहोश, जिस बहन की शादी का सपना संजोया था…वो

कानपुर। जम्मू के राजौरी में तीन दिन पहले सेना के काफिले पर घात लगाकर किए गए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे। इस घटना में कानपुर के रहने वाले सैनिक करण सिंह भी शामिल थे। उनका शव आज तीसरे दिन भी गांव नहीं पहुंचा, तो शहीद के परिजन नाराज हो गए। घर की महिलाएं पुलिस और प्रशासन से शव घर नहीं लाए जाने पर विरोध प्रकट करने लगीं।

शहीद करण सिंह यादव के दो बच्चे हैं, बेटी 5 साल की तो वहीं बेटा डेढ़ा साल का है. बहनों को बेटियों की तरह प्यार करने वाले करण ने एक बहन की शादी कर दी थी. अब फरवरी में लौट कर बाकी दो बहनों की शादी की जल्दी तैयारी करने वाले थे।

लेकिन जैसे ही करण सिंह यादव के शहीद होने के खबर परिवार तक पहुंची पूरे गांव में फैसल गई. बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मां अब भी सदमें में है, उन्हें यकीन है कि बेटा अब भी वापस आएगा. शहीद की पत्नी पार्थिव शरीर लेने पुंछ गई है. शहीद के पिता का कहना है कि घर में केवल करण ही कमाने वाला था, सबका ध्यान रखने वाला खुशमिजाज व्यक्ति अब नहीं रहा।

इधर शहीद का शव नहीं आने आक्रोश बढ़ रहा है। इस दौरान पुलिस ने समझाया, तो पुलिस से उनकी बहस होने लगी। इस दौरान कुछ परिजनों का कहना था आखिर हमारे पुत्र का शव घर क्यों नहीं भेजा जा रहा है? पत्नी भी अपने शहीद पति का चेहरा देखने के लिए बार-बार बेहोश हो रही थी।

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आखिरकार आर्मी के लोग उसकी पत्नी और बच्चों को यह कह कर ले गए कि एयरपोर्ट पर बॉडी आ रही, तो उनको दिखाएंगे। मगर, शाम तक जब बॉडी नहीं पहुंची, तो परिजन काफी नाराज हो गए. इस दौरान चौबेपुर के भाऊपुर इलाके में महिलाओं ने धमकी दी है कि अगर आज बॉडी नही आई, तो हम सड़क पर जाम लगा देंगे. इस पर पुलिस ने समझाया की फ्लाइट से बॉडी आ रही है. आज रात तक आ जाएगी।

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