झारखंड: प्रमाण पत्र को लेकर सरकार ने जारी किया फिक्स डेट, जाति प्रमाण पत्र से लेकर निवासी प्रमाण पत्र तक अब इतने दिनों में होगा उपलब्ध…
Jharkhand: Government has released the fixed date for the certificate, from caste certificate to resident certificate, all will be available in these many days...
रांची। झारखंड में हेमंत सरकार ने आमलोगों की सुविधा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत छोटे-छोटे कामों के लिए अब बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है।
सरकार ने सिटीजन चार्टर लागू किया है, जिसके तहत तय समय सीमा के भीतर लोगों का काम पूरा करना होगा। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना में निर्धारित अवधि में आवश्यक प्रमाण पत्र और जानकारी लोगों को उपलब्ध करानी होगी।
दिये गये निर्देश के मुताबिक 15 दिनों के भीतर जाति प्रमाण पत्र व 30 दिनों के अंदर स्थानीय निवासी का प्रमाण पत्र जारी करना आवश्यक किया गया है। साथ ही विभाग ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि आम लोगों की शिकायतों का निष्पादन प्रत्येक महीने सुनिश्चित हो।
इसमें अधिकारियों की भी जिम्मेदारी सुनिश्चित की गयी है। साथ ही जनता को ये अधिकार दिया गया है कि वो तय समय में काम नहीं होने पर अपील कर सकते हैं। डीसी 15 दिनों के अंदर जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। अगर ऐसा नहीं हो सका तो कोई भी व्यक्ति प्रमंडलीय आयुक्त के यहां अपील कर सकेगा।
जाति प्रमाण पत्र के लिए बीडीओ या सीओ के पास आवेदन करना होगा। वहां से 15 दिनों में जाति प्रमाण पत्र जारी करना होगा। ऐसा नहीं होने पर यहां भी वह व्यक्ति एसडीओ के यहां अपील करेगा। एसडीओ के स्तर पर भी जाति प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर वह डीसी के पास अपील कर सकेगा।
अगर तय समय सीमा और अपील के बाद भी जाति प्रमाण पत्र नहीं पाता है, तो आवेदक विभाग के प्रधान सचिव के यहां अपील कर सकेगा। अनुमंडल स्तर पर जारी होनेवाले जाति प्रमाण पत्र के लिए एसडीओ को प्राधिकृत किया गया है। अगर 30 दिनों में जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ तो संबंधित व्यक्ति उपायुक्त के यहां अपील कर सकता है।
वहां भी न्याय नहीं मिला तो प्रमंडलीय आयुक्त के यहां अपील की जा सकेगी।एसडीओ 30 दिनों के भीतर स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र जारी करेंगे। अगर ऐसा नहीं किया तो वह फिर डीसी के पास अपील करेंगे। डीसी 15 दिनों के भीतर सुनवाई कर स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र जारी करेंगे। ऐसा नहीं होने पर फिर संबंधित व्यक्ति प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील कर सकेंगे।