झारखंड में किसाानों के लिए सरकार लागू करेगी MSP ?
झारखंड के बाजारों में सब्जियों का जो रेट है उससे आम जनता तो काफी खुश है लेकिन यहीं सब्जियों के कम दाम झारखंड के किसानों के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है. झारखंड के बाजारों में जहां टमाटर 10 रु किलो बिक रहे हैं तो वहीं गोभी और बैंगन की किमत भी गिरकर 5 से 10 रुपए हो गए हैं.
बढ़ती ठंड में इन गिरते सब्जियों के दामों से किसानों को लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है और काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब किसान झारखंड सरकार से भी MSP की मांग करने लगे हैं.
जब 2019 में हेमंत सोरेन सरकार सत्ता में आई थी, तब दावा किया गया था कि सरकार केरल की तर्ज पर राज्य में सब्जियों का MSP तय करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. नतीजतन, राज्य के सब्जी उत्पादक किसानों को हर साल घाटा उठाना पड़ रहा है.
ये पहली बार नहीं है जब झारखंड में किसान MSP की मांग कर रहे हैं पहले भी किसान मांग उठा चुके है. तब झारखण्ड के तात्कालीन कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से ने कहा था कि राज्य में सब्जियों का msp तय करने के लिए हाई लेबल कमिटी बनाई गई है. रिपोर्ट आने के बाद सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने को लेकर फैसला लिया जाएगा. बादल पत्रलेख ने किसानों से किये वादे को पूर्ण करने का वचन दिया था, लेकिन सरकार के वादे का क्या है वादा तो टूट ही जाता है.
लेकिन ये MSP होता क्या है.
तो आपको बता दें एमएसपी का पूरा नाम न्यूनतम समर्थन मूल्य है. यह एक सरकारी उपकरण है जिसका इस्तेमाल किसानों को फ़सल की कीमतों में तेज़ गिरावट से बचाने के लिए किया जाता है.एमएसपी, वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फ़सल खरीदती है. एमएसपी का मकसद है कि किसानों को उनकी फ़सल पर कम से कम एक सुनिश्चित राशि मिल पाए. एमएसपी, बाज़ार में उतार-चढ़ाव के समय किसानों के लिए सिक्योरिटी कवर के तौर पर भी काम करता है.
अब एक बारा फिर झारखंड के किसानों के बीच मचे हाहाकार को देखते हुए नई कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किसानों के लिए बड़ी बात कह दी है.
झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा के दौरान संकेत दिया कि राज्य में महुआ समेत अन्य वनोपज और सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी तय करने की योजना पर सरकार आगे बढ़ रही है.
कृषि विभाग सब्जियों समेत वनोपज का MSP तय करने की तैयारी में है. कृषि मंत्री ने इस संबंध में जानकारी दी है कि सरकार इस पर विचार कर रही है.
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने नेपाल हाउस मंत्रालय में दूसरी मासिक समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली. कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने योजनाओं के संबंध में एक्शन टेकन रिपोर्ट पर चर्चा की.
कृषि विभाग की मासिक समीक्षा के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि यह भी पता चला है कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाएं जरूरतमंद लाभुकों तक नहीं पहुंच रही हैं. कुछ खास किसानों को ही विभाग की एक से अधिक योजनाओं का लाभ मिल रहा है. यह ठीक नहीं है.
हालांकि अब झारखंड में किसानों के लिए MSP लागू हो पाता है या नहीं ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा.