हफीजुल हसन का U टर्न : संविधान और शरीयत को लेकर दिये बयान पर दी सफाई, कहा, जैसे राम को ….

Hafizul Hasan's U-turn: Clarified his statement on the constitution and Shariat, said, like Ram....

रांची। संविधान और शरीयत पर बयान देकर मंत्री हफीजुल हसन बुरी तरह फंस गये हैं। भाजपा के हमलावर तेवर के बाद अब अपने बयान पर मंत्री हफीजुल हसन ने सफाई दी है। अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन के “पहले शरीयत, फिर संविधान” बयान पर आज दिन पर राजनीति गरम रही।

 

इधर, उनके इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी समेत विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मंत्री को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। दरअसल ये विवाद तब शुरू हुआ जब न्यूज़ चैनल से बातचीत में मंत्री हफीजुल हसन ने कहा था कि “हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, फिर संविधान को।”

 

इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। विपक्ष ने इसे संविधान का अपमान बताते हुए मंत्री की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए।

 

अब मंत्री हफीजुल हसन ने दी सफाई

बयान को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए मंत्री हसन ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि “मैं नहीं, हम शब्द का प्रयोग किया गया था, जिसमें समाज के सभी लोग शामिल हैं।” हसन ने कहा कि वे भारतीय संविधान में पूरी आस्था रखते हैं और उसी के तहत कार्य करते हैं। उनका मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं था।

उन्होंने आगे कहा, “शरीयत का भी अपना महत्व है, जैसे कुछ लोग अपने दिल में भगवान हनुमान को बसाते हैं, उसी तरह मेरी बात को एक धार्मिक विश्वास के रूप में समझा जाना चाहिए, न कि संविधान विरोधी संदर्भ में।”

 

भाजपा मामले को लेकर हुई आक्रामक 

मंत्री के बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भारतीय संविधान का अपमान है। उन्होंने कहा, “हफीजुल हसन के बयान से स्पष्ट हो गया है कि झामुमो-कांग्रेस गठबंधन के नेताओं के लिए संविधान केवल पॉकेट में रखने की चीज रह गई है, जिसे वे समय-समय पर इस्तेमाल करते हैं।” उन्होंने कहा कि यह बयान बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर संविधान और राष्ट्र का अपमान है, जो अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है।

मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तत्काल मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की और झामुमो-कांग्रेस गठबंधन से सवाल किया कि क्या वे इस बयान से सहमत हैं या नहीं।

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