Health Tips: महिलाओं की इन बीमारियों को कहा जाता है साइलेंट किलर, ध्यान ना दें, तो जान भी ले लेती है, इन बीमारियों को जरूर जान लें
Silent killer disease in women: महिलाएं हर किसी का ख्याल रखती है। लेकिन कई बार दूसरों का ख्याल रखते-रखते वो खुद ही बीमारियों से घिर जाती है। महिलाओं में कई बीमारियां दबे पांव आती है। उसका पता तब चलता है, जब वो पूरी तरह से उन्हें जकड़ लेता है। महिलाओं की इन बीमारियों को साइलेंट किलर बीमारियां भी कहते हैं। ये बीमारी अक्सर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं और जब तक वे एक एडवांस स्टेज तक नहीं पहुंच जाते तब तक ध्यान देने योग्य लक्षण नहीं हो सकते हैं।
इन बीमारियों को 'साइलेंट' कहा जाता है क्योंकि वे तब तक कोई स्पष्ट संकेत या लक्षण नहीं पैदा कर सकते हैं। जब तक कि वे पहले से ही शरीर को महत्वपूर्ण नुकसान न पहुंचाएं, जिससे आपकी जिंदगी बदल जाती है। 4 ऐसी साइलेंट किलर बीमारियां हैं जो खासकर महिलाओं में ज्यादा आम हो सकती हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में.
इन बीमारियों का हो सकती हैं शिकार:
• खून की कमी: एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं में बहुत ज़्यादा होती है। इस बीमारी में खून की किमी होने एलगीटी है। इससे जूझ रही महिलाओं में त्वेचा का पीला पड़ना, चक्करर आना, थकान, सांस फूलना, सिर घूमना, और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। एनीमिया से बचने के लिए अपनी डाइट में आयरन, विटामिन C और फोलेट से भरपूर भोजन का सेवन करें।
• पीसीओडी की शिकार: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओडी) का शिकार इन दिनों ज़्यादार महिलायें हो रही हैं। महिलाओं में यह समस्या हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह से होती है। इस बीमारी में महिलाओं का पीरियड साइकिल बिगड़ जाता है। मोटापा बढ़ने पर यह परेशानी ज़्यादा बढ़ जाती है। हेयर फॉल , स्किन पर पिम्पल्स और बढ़ता मोटापा इसके सामान्य लक्षण हैं।
• मेनोपॉज में होती है परेशानी: महिलाओं में मेनोपॉज की शुरुआत 42 वर्ष के बाद शुरू होता है। यह उनकी ज़िंदगी का ऐसा पड़ाव होता है, जिससे हर महिला को सामना करना पड़ता है। मेनोपोज़ के दौरान महिलाओं के परियड्स बंद हो जाते हैं।मेनोपॉज की वजह से फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन काफ़ी कम हो जाता है।
• हड्डियों का कमजोर होना: जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है उनकी हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए कैल्शियम और आयरन का सेवन करना चाहिए। धूप के साथ दूध, दही या पनीर कैल्शियम की कमी को पूरा करन के लिए बेहतरीन सोर्स माने जाते हैं।