बड़ी खबर: झारखंड में डाक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ व संविदाकर्मियों के अटेंडेंस का होगा क्रास वैरिफिकेशन, मुख्यमंत्री ने लांच किया उपस्थिति पोर्टल

रांची। स्वास्थ्य विभाग झारखंड में हमेशा सवालों में रहा है। चाहे बात बदतर चिकित्सा सुविधा की हो या फिर डाक्टर-नर्स की अस्पताल में उपस्थिति की। आये दिन झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आरोप लगते रहे हैं।

ऐसे में राज्य सरकार ने अस्पतालों में डाक्टरों व पारा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिशिचत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों व पारा मेडिकल स्टाफ की आनलाइन पोर्टल के लिए जरिये होगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की मौजूदगी में अटेंडेंस पोर्टल का उद्घाटन किया। इस पोर्टल का नाम उपस्थिति पोर्टल रखा गया है। स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत चिकित्सकों, पारा कर्मी, संविदा पर कार्यरत कर्मी तथा अन्य की दैनिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अब “उपस्थिति पोर्टल” में अटेंडेंस बनाना होगा। इसका शुभारंभ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा दर्ज की जा रही बायोमेट्रिक उपस्थिति का क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और झारखंड के सभी व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी सुलभ और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है.

कहा कि अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में चिकित्सक ड्यूटी के दौरान भी उपलब्ध नहीं होते हैं।

ऐसे में मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की उपस्थिति की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. निजी अस्पतालों की तरह सरकारी अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम, सीसीटीवी, वाई-फाई की व्यवस्था, जिला और मुख्यालय स्तर पर इसकी निरंतर निगरानी की जानी चाहिए।

कोरोना के डरावने आंकड़े : 1 दिन में नए केस का आंकड़ा सीधे पहुंचा 3 हजार के पार, सरकार ने बुलायी बैठक ..

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत मानव संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए. राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र से लेकर जिला अस्पतालों में जो मानव संसाधन उपलब्ध हैं, उसकी शत-प्रतिशत उपयोगिता सुनिश्चित होनी चाहिए।

अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से मानव संसाधन उपलब्ध कराया जाए. अगर किसी एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चिकित्सा और चिकित्साकर्मियों की सेवा लेने की जरूरत हो तो उस दिशा में भी उचित कदम उठाए जाने चाहिए, लेकिन इसमें इस बात का ध्यान रखें कि जिस अस्पताल से चिकित्सकों की सेवा दूसरे अस्पताल में ली जा रही है, वहां की चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यवासियों को सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, अनुमंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में रखरखाव, मरम्मत, चिकित्सा संसाधन, जांच सुविधा और दवाइयों की व्यवस्था की जा रही है।

सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर जांच और चिकित्सा सुविधा मिले, इसे स्वास्थ्य विभाग सुनिश्चित करे।

मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों का जिला अस्पतालों से 24 घंटे संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था बनाएं, ताकि अगर कोई मरीज स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए आता है और उसे बेहतर इलाज की जरूरत हो तो उसे जिला अस्पताल तक लाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।

Related Articles

close