झारखंड: पुलिस कर्मियों की तर्ज पर मिलेगा 13 माह का वेतन, TA/ DA का अलग से जारी होगा आवंटन
रांची। राज्य भर के चिकित्सकों को जल्द बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में आईएमए के साथ हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी है। पुलिस सेवा की तरह इसे भी आकस्मिक सेवा मानते हुए उस पर विचार करने का आश्वासन मिला है।
मालूम हो की स्वास्थ्य कर्मचारी के पारा मेडिकल एसोसिएशन ने पुलिस कर्मी की तरह 13 महीने के वेतन की मांग की थी और पत्राचार किया था। हाल के दिनों में साहेबगंज सदर अस्पताल में एक घटना के बाद जिले के डीसी ने तुगलगी फार्म्डन जारी किया था जिसका जमकर विरोध हुआ था।
आईएमए के साथ वार्ता में आईएमए की मांग पर सहमति जताते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह को आवश्यक निर्देश जारी किया।
इन बातो पर बनी सहमति
1)क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में उत्तर प्रदेश के तर्ज पर 50 बेड तक के अस्पतालों को मुक्त करने पर सहमति बनी। यह एतद संबंधित आदेश यथाशीघ्र निकालने का निर्णय स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रधान सचिव के द्वारा लिया गया।
2) सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नेशनल टास्क फोर्स के गठन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रतिनिधि को सम्मिलित करने पर सहमति बनी।
3) साहिबगंज उपायुक्त को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मोबाइल पर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया और कहा गया कि विभाग द्वारा इससे संबंधित आदेश निर्गत किया जा रहा है।उप विकास आयुक्त को नोडल के पद से मुक्त किया जाए और ऑन ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई रोकने का निर्देश दिया गया।
4) श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति डॉक्टर के T.A/D.A का अलग से आवंटन दिया जाएगा। इसकी घोषणा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई।
5) चिकित्सकों को पुलिस विभाग की तरह 13 महीना का वेतन देने पर सहमति बनी। क्योंकि स्वास्थ्य सेवा भी पुलिस सेवा की तरह आकस्मिक सेवा है।
6) लोहरदगा एवं अन्य जगहों पर जहां सिविल सर्जन प्रभार में है, उन्हें D.D.O घोषित करने संबंधित आदेश यथाशीघ्र निर्गत होंगे।
7) 23 अगस्त को प्रधान सचिव महोदय के साथ हुई मीटिंग का प्रोसीडिंग यथाशीघ्र निकाला जाएगा।
8) राज्य /जिला /अनुमंडल स्तरीय जो भी समिति बनाई जाएगी, उसमें पूर्व की तरह आई एम ए के प्रतिनिधि भी एक सदस्य होंगे।
9) महिला चिकित्सकों की सुरक्षा से संबंधित आवश्यक निर्णय लेने पर सहमति बनी।
बैठक में आईएमए के प्रतिनिधि के अलावा अन्य संगठन के प्रतिनिधि शामिल थे।