कर्मचारियों को बड़ा झटका : 8वें वेतन आयोग की गठन फिलहाल नहीं, 18 महीने के डीए के एरियर्स पर भी सरकार की ना

8th Pay Commission: 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को लेकर एक बड़ी अपडेट आ रही है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने साफ कर दिया है कि अभी आयोग का गठन आनन-फानन में नहीं हो रहा है। हो सकता है, इसमें अभी और वक्त लग जाये या फिर इस साल ना भी आये। वैसे 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होनी है, जाहिर अभी करीब डेढ़ साल का वक्त केंद्र सरकार के पास है। इससे पहले 7वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मनमोहन सरकार ने 28 फरवरी 2014 को मंजूरी दी थी और इसकी सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू की गई थीं।

इससे पहले सरकार पहले भी स्पष्टीकरण दे चुकी है कि 8वें वेतन आयोग के गठन पर वह विचार नहीं करेगी। इसका गठन नहीं होगा तो केंद्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर में भी इजाफा नहीं हो सकेगा। इसलिए यह बजट केंद्रीय कर्मचारियों के लिए किसी झटके की तरह आया है। महंगाई भत्ते में जल्द खुशखबरी दी जा सकती है।कर्मचारियों के संगठन कई बार वित्तीय विभाग को पत्र लिखकर इसके गठन करने की मांग कर चुके हैं। इसलिए सभी को वित्तीय बजट से बड़ी उम्मीदें थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

सरकार हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन करती है, जिसे फिर दो साल लागू कर दिया जाता जा रहा है. आखिरी बार साल 2014 में 7वें वेतन आयोग का गठन किया गया था. इसे वर्ष 2016 में लागू करने का फैसला लिया गया था. इससे कर्मचारियों की सैलरी में रिकॉर्डतोड़ इजाफा देखने को मिला था। अगर 8वें वेतन आयोग का गठन 2024 में किया जाता तो फिर इसे 2026 में लागू किया जाना तय माना जा रहा था। लेकिन अब तक आयोग का ही गठन नहीं हो पाया है, लिहाजा उम्मीद टूट रही है कि शायद 2026 में कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग की सिफारिश ना भी लागू हो।

केंद्र सरकार ने एक नहीं बल्कि-बल्कि दो-दो झटके देकर केंद्रीय कर्मचारियों की आस ही तोड़ दी. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को उम्मीद थी कि वित्तीय बजट में 18 महीने के अटके पड़े डीए एरियर पर कुछ गुड न्यूज दी जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को अटके पड़े डीए एरियर पर भी अपने मुंह नहीं खेला. अब 18 महीने का डीए एरियर मिलने की उम्मीद नहीं लगाई जा रही है. सरकार इस पैसे को मुश्किल से ही जारी करेगी. हालांकि कर्मचारी वर्ग लगातार इसकी मांग करते रहे हैं।

आयोग के गठन इसलिए जरूरी बता रहे संगठन

7वीं वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू की गई थीं. कर्मचारी संगठनों का मानना है कि पिछले आठ साल में सरकारी कामकाज के तरीकों में काफी बदलाव हुआ है. भारतीय अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है, जीडीपी में वृद्धि हुई है और महंगाई भी बढ़ रही है.

ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन जल्दी करना बेहद जरूरी हो गया है.अब देखना होगा कि केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारियों के मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए आठवां वेतन आयोग के गठन का ऐलान सरकार कब तक करती है।

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