चंपाई सोरेन इस्तीफा?: आज मंत्री पद और पार्टी से चंपाई सोरेन दे सकते हैं इस्तीफा, इधर JMM अभी भी कर रही है इंतजार...

Champai Soren Resign Today: मंत्री पद और झारखंड मुक्ति मोर्चा से चंपाई सोरेन आज इस्तीफा दे सकते हैं। झामुमो से इतर नयी राह पर चलने का ऐलान कर चुके चंपाई सोरेन के कदम पर पार्टी की करीबी नजर है।

हालांकि मंगलवार को ये लग रहा था कि चंपाई सोरेन को झामुमो मनाने में कामयाब हो गयी है, लेकिन बुधवार को जिस तरह से तेवर चंपाई ने दिखाये, उससे एक बात तो साफ हो गया है कि चंपाई सोरेन फिलहाल मानने वाले नहीं है। ऐसे में पूरजोर चर्चा है कि आज चंपाई सोरेन पद और पार्टी दोनों से इस्तीफा दे सकते हैं।

इधर, पार्टी ने चंपाई के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। पार्टी अभी भी कोशिश में है कि चंपाई सोरेन झामुमो के ही पाले में रहे। दरअसल चंपाई का कोल्हान के क्षेत्र में बड़ा वर्चस्व है, अगर चंपाई और झामुमो के रास्ते अलग-अलग होते हैं तो JMM को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

चंपाई के करीबी सूत्र बताते हैं कि अभी उनका रांची जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है, जाहिर है कि चंपाई सोरेन बैकफुट पर आने को तैयार नहीं हैं, दूसरी तरफ पार्टी वेट एंड वाच की मुद्रा में हैं।

चंपई सोरेन ने कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे और नई राजनीतिक पार्टी बनाने का विकल्प हमेशा खुला है. सोरेन ने कहा कि वह सत्ताधारी JMM नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं. चंपई सोरेन ने कहा कि JMM से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है.


यह झारखंड की धरती है...मैंने छात्र जीवन से ही संघर्ष किया है. मैंने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग झारखंड राज्य के लिए आंदोलन में हिस्सा लिया था।

अगर उन्हें अगली यात्रा के दौरान कोई समान विचारधारा वाला संगठन या मित्र मिल गया तो वह किसी भी संगठन से हाथ मिला सकते हैं. मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिल गया तो दोस्त के साथ आगे बढ़ूंगा... 1990 के दशक में पृथक राज्य बनाने की लड़ाई में सोरेन के योगदान के लिए उन्हें 'झारखंड का टाइगर' उपनाम दिया गया था. झारखंड को 2000 में बिहार के दक्षिणी भाग से अलग करके बनाया गया था.

Aditya
Aditya  
Related Articles
Next Story