CHC गोविंदपुर : अनुबंध कर्मियों का 4 महीने से वेतन किया बंद, प्रभारी की मनमानी से कर्मी परेशान, आंदोलन की तैयारी में...

Dhanbad। जिले का सीएचसी गोविंदपुर किसी न किसी तरीके से सुर्खियों में रहना उसकी नियति बन चुकी है। कभी भ्रष्ट्राचार का खुला खेल, कभी MTC में अनियमितता ,कभी स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने में अव्वल दर्जे का पिछड़ापन, तो कभी प्रसव गृह में पैसे का खुला खेल.. और ये सब प्रतिनियुक्त पर जमे प्रभारी के नाक के नीचे होता रहा है।

ताजा मामला chc गोविंदपुर के अनुबंध कर्मियों से जुड़ा है।जिनका वेतन 4 महीने से प्रभारी डा विशेश्वर कुमार ने बंद कर रखा है।स्वास्थ्य विभाग में करीब 2 तिहाई कर्मी अनुबंध पर कार्य कर रहे है। उन्हें सरकार की तरफ से सिर्फ और सिर्फ अल्प मानदेय ही मिलता है जिसे बमुश्किल किसी तरह जीवन यापन करते हैं। ऐसे में 4 महीनेसे मानदेय का रोकना तुगलकी फरमान अवश्य कहा जा सकता है।

दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्यौहार पर जहां राज्य सरकार समय से पूर्व वेतन जारी करने सहित कई आदेश जारी करती है वैसे में अनुबंध कर्मियों का 4 महीने से वेतन रोकना अंसवेदनशीलता का परिचय देती। त्योहारी सीजन पर वेतन रोकने वाले आदेश और कई मुद्दे पर कर्मी लामबंद की तैयारी शुरू कर दी है।

क्या है मामला


सरकारी विभागों में कर्मी और पदाधिकारियों के कार्य में त्रुटि या कार्य शैली में सुधार के लिए अल्प काल के लिए वेतन / मानदेय बंद करने का प्रावधान है।परंतु इसे अधिक समय तक बरकरार नहीं रखा जा सकता। इसे में संस्थान के 2 महिला कर्मी की 4 महीने से वेतन बंद कर दिया गया है।जबकि सूत्र बताते है की कर्मी कई बार प्रभारी के समक्ष गुहार लगा चुके है।

क्या कहता है कोर्ट और मानवाधिकार आयोग

पूर्व में वेतन बंद करने के कई मामले को कोर्ट असंवैधानिक और मानवता के विरुद्ध करार दिया है। ऐसे कई मामले पर मानवाधिकार ने कड़ी टिप्पणी भी की है। विभागीय उच्च अधिकारी भी मानते है की किसी भी कर्मी के वेतन पर उसका पूरा परिवार आश्रित होता है। जिसमें बच्चे और बूढ़े मां बाप की सेवा तक शामिल होता है। और लंबे समय तक स्थानीय स्तर पर वेतन बंद करना जघन्य अपराध है।

क्या है आरोप


प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मियों का वेतन बंद रिपोर्टिंग में गड़बड़ी और कार्य में शिथिलता के बदले किया गया है। जिसके संबंध में न तो कोई ठोस पत्र जारी कर कर्मियों से पक्ष जानने की कोशिश की गई , न ही सुधार का मौका दिया गया।बल्कि पिछले 4 महीने से वेतन बंद कर दिया गया।

कर्मी प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में


इस मामले की जानकारी अन्य कर्मियों को मिलने पर प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। इस संबंध में कर्मियों के संघीय बैठक में आपसी सहमति बन चुकी है। सूत्र बताते है इसे कई संवेदनशील मुद्दे पर पिछले माह ही कर्मियों ने बैठक बुलाई गई थी और कर्मियों को प्रताड़ित करने के कई तानाशाही मुद्दे पर विशेष चर्चा हुई थी।

प्रतिनियुक्ति पर है प्रभारी


वर्तमान में Chc गोविंदपुर के प्रभारी डा विशेश्वर कुमार प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। इनका मूल पदस्थापन झरिया सह जोडापोखर में है।पूर्व के सिविल सर्जन डा आलोक विश्वकर्मा ने इन्हें मनमाने तरीके से गोविंदपुर सीएचसी में प्रतिनियुक्त कर प्रभारी बना दिया।

शिकायत विभाग के उच्च अधिकारी के पास पहुंचने पर NHM के अभियान निदेशक ने पत्र जारी कर किसी भी पदाधिकारी और राज्य कर्मी को सिविल सर्जन द्वारा किए जाने वाले प्रतिनियुक्ति पर रोक लगाते हुए प्रतिनियुक्ति रद्द करने काआदेश जारी किया था।परंतु विभागीय उच्च पदाधिकारी के आदेश को दरकिनार कर प्रतिनियुक्ति रद्द नहीं किया गया। जो अबतक प्रतिनियुक्ति पर जमे है इसके पीछे कई सवाल अवश्य खड़े होते हैं।







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