IAS टीवी सोमनाथन बने कैबिनेट सचिव, जानिये कौन हैं टीवी सोमनाथन, जो बनेंगे PM के राइट हैंड, समझें इस पद की क्या हैं शक्तियां

TV Somanathan: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टी वी सोमनाथन को शनिवार को राजीव गौबा की जगह कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया है। सोमनाथन, तमिलनाडु कैडर के 1987-बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो फिलहाल केंद्रीय वित्त सचिव और सचिव, व्यय के रूप में कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 30 अगस्त 2024 से दो साल के कार्यकाल के लिए कैबिनेट सचिव के रूप में श्री टी वी सोमनाथन, आईएएस की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आधिकारिक आदेश में कहा, 'कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने श्री टी वी सोमनाथन, आईएएस को कैबिनेट सचिवालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्ति की तारीख से लेकर कैबिनेट सचिव के रूप में कार्यभार संभालने तक की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है।' इससे पहले राजीव गौबा ने पांच वर्ष पूर्व 30 अगस्त 2019 को कैबिनेट सचिव का पदभार संभाला था।

दो साल संभालंगे सबसे ताकतवर पद

तमिलनाडु कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी सोमनाथन वर्तमान में केंद्रीय वित्त सचिव और व्यय सचिव के रूप में कार्यरत हैं। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने टी वी सोमनाथन, आईएएस को 30.08.2024 से दो साल के कार्यकाल के लिए कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।

आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने टी वी सोमनाथन, आईएएस की कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्य अधिकारी के रूप में नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है, जो उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से लेकर कैबिनेट सचिव के रूप में कार्य करने तक लागू रहेगा। गौबा ने पांच साल पहले 30 अगस्त 2019 को कैबिनेट सचिव का पदभार संभाला था।

कैबिनेट सचिव दिल्ली के रायसीना पहाड़ियों पर स्थित साउथ ब्लॉक के कैबिनेट सचिवालय (Cabinet Secretariat) में बैठता है। इसका कार्यालय प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से महज 200 मीटर पर है। कैबिनेट सचिवालय सरकार के सबसे शक्तिशाली अंग के तौर पर काम करता है। कुल मिलाकर कैबिनेट सचिव भारत सरकार का सबसे ताकतवर नौकरशाह और पीएम का दायां हाथ माना जाता है। वह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देता है।

कैसे बना कैबिनेट सचिव का पद

आजादी से पहले वायसराय की कार्यकारी परिषद में एक सचिवालय हुआ करता था, जिसका नेतृत्व वायसराय का निजी सचिव करता था। उस वक्त सचिवालय की भूमिका केवल कार्यकारी परिषद से संबंधित कार्रवाई की देखभाल करने के लिए थी, लेकिन जब परिषद के तहत अलग-अलग विभागों में काम का बोझ बढ़ गया तो सचिवालय का काम काफी मुश्किल और जटिल हो गया। लिहाजा, निजी सचिव को सचिवालय का सचिव कहा जाने लगा गया। यह पद समय के साथ और अधिक शक्तिशाली होता गया और सचिवालय की मुख्य भूमिका विभागों के कार्यों समन्वय करना बन गई। 1946 में वही सचिवालय कैबिनेट सचिवालय बन गया और वहीं से कैबिनेट सचिव का पद भी अस्तित्व में आया।

कैबिनेट सचिव के काम

कैबिनेट सचिव का काम देश में बड़े संकट की परिस्थितियों का प्रबंधन करना और ऐसी गंभीर स्थिति में विभिन्न मंत्रालयों की गतिविधियों का समन्वय करना भी कैबिनेट सचिवालय के कार्यों में से एक है। साथ ही कैबिनेट सचिवालय यह सुनिश्चित करता है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को उनकी गतिविधियों के मासिक ब्रीफिंग के जरिए सभी विभागों की प्रमुख गतिविधियों के बारे में सूचित किया जाता रहे। कैबिनेट सचिवालय के तीन विंग शामिल हैं, नागरिक, सैन्य और खूफिया, जिसमें सिविल विंग सबसे मुख्य शाखा है, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल को सहायता, सलाह प्रदान करना है। इतना ही नहीं रॉ के प्रमुख भी कैबिनेट सचिव को अपनी रिपोर्ट सौंपते हैं।

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