"इंदिरा भी झुकी थीं , हेमंत भी झुकेंगे" हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भाजपा ने हेमंत सरकार को लिया निशाने पर, कहा..अंत का आगाज ऐसे ही होता है..

रांची। विधानसभा चुनाव की झारखंड में शुरू हो चुकी सरगर्मियों के बीच अब निकाय चुनाव का मुद्दा भी गरमाने लगा है। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद अब भाजपा ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। दरअसल हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए निकाय का चुनाव नहीं कराये जाने पर नाराजगी जतायी थी साथ ही सरकार को दो सप्ताह में चुनाव कराने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि सरकार पर कोई अनुचित कार्रवाई होती है, तो कहा जाता है कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

चार वर्षों तक निकाय चुनाव नहीं कराया जाना भी लोकतंत्र की हत्या ही है। दरअसल हाईकोर्ट ने चार जनवरी 2024 को सरकार को तीन सप्ताह में निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था. कहा था कि समय पर चुनाव नहीं कराना और चुनाव रोकना लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने जैसा है. यह संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत भी है. ट्रिपल टेस्ट की आड़ में समय पर नगर निकाय का चुनाव नहीं कराना उचित नहीं है. संविधान का अनुच्छेद 243 स्पष्ट करता है कि चुनाव समय पर कराना अनिवार्य है।

इधर हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद हेमंत सरकार को झामुमो ने आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा भी झुकी थीं , हेमंत भी झुकेंगे ... संविधान और लोकतंत्र के आगे किसी का न चलेगा। हेमंत सोरेन और इंडी गठबंधन वाले चुनाव प्रचार के दौरान खुद को संविधान का रक्षक, लोकतन्त्र के इकलौते चिंतक तो बताते हैं, लेकिन जब सत्ता के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं तो सबसे बड़े भक्षक बन जाते हैं। झारखंड में 4 सालों से नगर निकाय चुनाव नहीं कराए गए, हाईकोर्ट द्वारा लगातार निर्देश देने के बाद भी ये संविधान और लोकतंत्र को मानने का नाटक करने वालों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।

बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा है कि हैरानी की बात तो ये है, इसके बाद भी हेमंत सोरेन कहते हैं कि उनकी सरकार गांवों से चलती है, झारखंड की जनता पूछना चाहती है ये कौन सी गांवों से चलने वाली सरकार है, जहां पिछले 4 सालों से चुनाव ही नहीं हुए? एक वक्त तब था, जब आपातकाल थोपने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के चुनावों पर अपनी मनमर्जी चलाई थी, और एक आज का वक्त है झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री निकाय चुनावों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं करा रहे हैं। खैर, अंत का आगाज ऐसे ही होता है।

HPBL
HPBL  
Related Articles
Next Story