झारखंड अनुबंध कर्मचारियों का आंदोलन: अनुबंधित कर्मचारियों की नाराजगी बढ़ा सकती है हेमंत सरकार की मुश्किलें, 8 को सीएम हाउस घेराव

रांची। झारखंड के अनुबंध कर्मचारी एक बार फिर से आंदोलन पर उतारू है। शनिवार को मशाल जुलूस निकालकर आंदोलन का आगाज करने वाले अनुबंधकर्मी 8 अक्टूबर को राजधानी कूच करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री निवास के घेरा का कार्यक्रम है। इस प्रदर्शन में लाखों की संख्या में अनुबंधकर्मियों के पहुंचने का अनुमान है।

इनकी मुख्य मांगों में समान काम का समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा, वेतन विसंगतियों में सुधार,न्यायालय द्वारा पारित वादों का अनुपालन, आउट सोर्सिंग नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से बंद कर सभी आउट सोर्सिंग कर्मियों को राज्य सरकार के विभागीय संविदा कर्मी का दर्जा देने आदि की मांग शामिल है।

आंदोलन में पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी कर्मी, झारखंड शिक्षा परियोजना कर्मी, कम्प्यूटर ऑपरेटर, साक्षरता प्रेरक, केजीवीके के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पद धारक, मॉडल स्कूल के शिक्षक, आईसीटी इंस्ट्रक्टर, उच्च शिक्षा के कॉलेज प्राध्यापक, मध्याह्न भोजन योजना से जुड़ी रसोईया और संयोजिका आदि शामिल होंगे।

आरोप है कि संविदा संवाद के वादे से सरकार मुकर रही है। लिहाजा झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के बैनर तले अनुबंधित कर्मियों ने जोरदार आंदोलन करने का निर्णय लिया है। 8 अक्टूबर को मोरहाबादी मैदान से रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास तक रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा।


इसमें विभिन्न संघों के करीब छह लाख कर्मचारी शामिल होंगे। मशाल जुलूस जिला मुख्यालयों शाम पांच बजे से तथा रोष पूर्ण प्रदर्शन मोरहाबादी मैदान से सीएम आवास तक दिन के 11 बजे किया जाएगा।

क्या किया था वादा

20 अक्टूबर 2019 को विधानसभा चुनाव पूर्व अनुबंधकर्मियों से वादा किया गया था। झामुमो ने कहा था कि अगर उनकी सरकार आयी तो राज्य के तमाम कामगारों ,संविदा, अनुबंध, दैनिक पारिश्रमिक, अस्थायी ,आउट सोर्सिंग पर कार्यरत कर्मियों के स्थायीकरण, ग्रेड पे भुगतान, समायोजन, समान काम समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा एवं स्थाई कर्मियों के समान देय अवकाश दिया जायेगा।

Aditya
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