झारखंड: हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हेमंत सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, दायर की एसएलपी, नेता प्रतिपक्ष बोले...

रांची। बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हेमंत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की है। दरअसल झारखंड में हुए बांग्लादेशी घुसपैठ पर 17 सितंबर को हाई कोर्ट सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद तथा जस्टिस एसके द्विवेदी ने आदेश दिया था कि केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले में जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करे।

हाईकोर्ट ने ये भी अपने आदेश में कहा था कि हाईलेवल जांच कमेटी में कौन-कौन होंगे उसका नाम दिया जाये। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में 30 सितंबर तक केंद्रीय गृह सचिव व झारखंड के मुख्य सचिव की बैठक करने को भी कहा था। लेकिन इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है।

मामले में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है। अमर बाउरी ने कहा है कि झारखंड की अस्मिता लूटी जा रही है और झारखंड सरकार राज्य के खर्चे पर देश के सबसे महंगे अधिवक्ता को सुप्रीम कोर्ट में इसलिए खड़ा कर रही है ताकि बांग्लादेशी घुसपैठ मामले पर जांच कमेटी ना बन सके ! हेमंत जी, आपके इस धोखे को राज्य की जनता कभी माफ नहीं करेगी ... इतिहास इसे याद रखेगा !

आपको बता दें कि जमशेदपुर के रहने वाले दानियल दानिश ने बांग्लादेशी मूल के लोगों द्वारा संथाल इलाके में घुसपैठ का मामला उठाते हुए हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका पर अब तक की हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि संथाल इलाके में आदिवासियों की संख्या घटी है और वहां की जमीन मुस्लिम धर्म के लोगों को गिफ्ट डीड के जरिये दी जा रही है।

साथ ही केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी बताया है कि संथाल इलाके में ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या में कई गुणा इजाफा हुआ है और आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से मात्र 28 फीसदी रह गयी है। हालांकि बांग्लादेशी मूल के व्यक्तियों द्वारा घुसपैठ किये जाने को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं दी गयी है। दानियाल दानिश की जनहित याचिका 1 अक्टूबर को सुनवाई के लिए हाइकोर्ट के सूचीबद्ध है।

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