झारखंड में पेसा कानून जल्द: मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित ड्राफ्ट की समीक्षा की, जानिये पेसा कानून में क्या है प्रावधान

रांची। झारखंड में जल्द ही पेसा कानून लागू हो सकता है। राज्य सरकार इसे लेकर जल्द ही निर्णय लेने जा रही है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने इसे लेकर विभाग से विस्तृत जानकारी ली। गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री को विभाग की तरफ से प्रजेंटेशन के जरिये प्रस्तावित ड्राफ्ट की जानकारी दी गयी। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सोशल मीडिया हैंडल X पर जानकारी है कि आज झारखंड मंत्रालय में माननीय मंत्री श्री दीपक बिरुआ एवं अधिकारियों की उपस्थिति में "पेसा - एक परिचय एवं रोड मैप" की समीक्षा किया। झारखण्ड में यथाशीघ्र पेसा अधिनियम को लागू करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में पेसा (PESA) नियमावली लागू करने की कवायद तेज हो चुकी है। आज पंचायती राज विभाग द्वारा "पेसा - एक परिचय एवं रोड मैप" विषय पर मुख्यमंत्री को प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तावित ड्राफ्ट की जानकारी दी गई। झारखंड में पेसा कानून को लागू करने के लिए इससे संबंधित नियमावली को शीघ्र अंतिम रूप देकर उसपर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी।

आपको बता दें कि पंचायत उपबंधन (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम महत्वपूर्ण कानून है जो 24 दिसंबर, 1996 को पारित किया गया था। इसका उद्देश्य कुछ अपवादों और संशोधनों के साथ, संविधान के भाग नौ में उल्लिखित प्रविधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करना है। नियमावली के तहत ग्राम सभा की बैठकों की अध्यक्षता मानकी मुंडा आदि पारंपरिक प्रधान करेंगे। ग्राम सभा की सहमति के बिना सरकार जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकेगी।

आदिवासियों की जमीन खरीद बिक्री मामले में भी ग्राम सभा की सहमति की बाध्यता होगी। इस नियमावली में पुलिस की भूमिका निर्धारित करते हुए किसी की गिरफ्तारी के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ग्राम सभा को देने की बाध्यता तय की गई है। ग्राम सभा को आदिवासियों की जमीन वापस करने का अधिकार भी दिया गया है। ग्राम सभा में अधिकतम 10 हजार रुपए तक की राशि रखने की अनुमति होगी। इसकी अधिक की राशि बैंक खाते में जमा की जाएगी। इतना ही नहीं, ग्राम सभा विधि व्यवस्था को लेकर 10 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक दंड भी लगा सकेगी।

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