मुख्यमंत्री 2000 रुपये प्रतिमाह महिलाओं को देंगे, लेकिन जानिये कब ? मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को लिखा है पत्र, पढ़े ये खबर

रांची। झारखंड में राजनीति फुल ऑन है। खासकर भाजपा और झामुमो आमने-सामने है। हेमंत सरकार ने केंद्र सरकार को एक बार फिर पत्र लिखकर बकाया राशि की मांग की है। रॉयल्टी सहित अन्य वजहों से झारखंड की राशि केंद्र में बकाया है।

हेमंत सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान की मांग की है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने उन्होंने कहा है कि मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिख ₹1लाख 36 हजार करोड़ बकाया राशि देने की मांग की है।

अगर वे बकाया राशि नहीं देते हैं तो उसका ब्याज ही दे दें, ताकि मैं यहां की महिलाओं को सम्मान राशि के रूप में ₹2000 दे सकूं।केंद्र सरकार हमारे राज्य के बकाया का ब्याज ही हमें दे दे, हम मंईयां सम्मान योजना की राशि तुरंत ₹2000 कर अपनी लाखों बहनों को दे देंगे।

दरअसल पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया था, जिसके तहत खनिज संपन्न राज्यों को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खनिजों और खनिज-युक्त भूमि पर केंद्र सरकार से 12 वर्ष में क्रमबद्ध तरीके से रॉयल्टी और कर पर एक अप्रैल 2005 से बकाया लेने की अनुमति दी थी।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने ये फैसला दिया था। इस आदेश के तहत झारखंड को 1.36 करोड़ रुपये मिलने थे। इसी राशि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि महिलाओं को सम्मान राशि, वृद्धों को बुढ़ापे की लाठी दी गई।

हम मंईयां समान योजना क्यों लेकर आए! इन लोगों का कहना है कि वोट लेने के लिए योजना को लाया गया। ये बेईमान लोग हैं। जब मैं आपके अधिकारों को आपके घर द्वार पहुंचा रहा हूं तो इन्हें तकलीफ हो रही है।

आज ही एक बार फिर याद कीजिए पहले के दिन, जब पेंशन लेने के लिए कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन आज घर-घर जाकर लोगों को पेंशन और महिलाओं को सम्मान राशि का कागज बनता है और घर में उनके सम्मान और पेंशन राशि आती है। यह सरकार जनता के लिए है। यहां के पदाधिकारी, यहां के कर्मचारी को जो तनख्वाह मिलती है वह आपकी सेवा के लिए मिलती है। और आज हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये गांव जायें और आपकी समस्या का समाधान करें।

Aditya
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