अपनी सरकार की उपलब्धि बखान करने वाली हेमंत सोरेन देखिए: बीमार पिता को टोकरी में टांग कर ले जाने को हम हैं मजबूर...

लातेहार। एक तरफ मुख्यमंत्री अपनी सरकार की उपलब्धि का ढिंढोरा पीट रहे है वहीं आज भी राज्य में टोकरी में बैठकर डॉक्टर टीडीएल पहुंचने के लिए मजबूर है। इसी घटना सरकार के की छवि को प्रदर्शित करती है।

हाल ही में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पत्र लिख कर स्वास्थ्य विभाग की हेमंत सरकार को आईना दिखाया था। परंतु ये स्थिति सरकार के कई विभागो की पोल खोलता है। एक तरफ गांव तक किसी वाहन के पहुंचने का रास्ता सुगम नही है तभी तो टोकरी में बैठकर बीमार पिता को नदी नाला पार कर डॉक्टर के पास ले जाने को मजबूर हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की बदहाल स्थिति।

मामला लातेहार जिला का महुआडांड़ प्रखंड के हामी पंचायत का भीतरकोन गांव प्रखंड मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर है. गांव की आबादी करीब 400 है. आदिवासी बहुल गांव में न चलने लायक सड़क है, न पीने के पानी की व्यवस्था. मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है.

ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए, तो डॉक्टर के पास लेकर जाना मुश्किल हो जाता है. खासकर बारिश के मौसम में. भीतरकोना गांव के 70 साल के प्रभुदास लकड़ा बीमार पड़ गए. शुक्रवार को उनको अस्पताल ले जाने की नौबत आ गई. और टोकरी में बैठाकर ले जाना पड़ा।

गांव में सड़क नहीं होने की वजह से कोई गाड़ी नहीं आती. ऐसे में प्रभुदास लकड़ा के बेटों ने उन्हें टोकरी में बैठाया. टोकरी को रस्सी की मदद से लकड़ी में टांगा और बहिंगा बनाकर अपने पिता को अस्पताल तक पहुंचाया.

इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. ऐसी स्थिति देखने पर स्वतः मन विचलित हो जाता है। एक तरफ वोट बैंक के चक्कर में जगह जगह कैंप लगाकर अपने सरकार की गुणगान करने वाली सरकार मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं करा पा रही।

HPBL
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