साइबर ठगों का आतंक : एक मोबाइल नंबर से 5 राज्यों के खातों से उड़ा लिए 10 करोड़ रुपए

नई दिल्ली। हाल के वर्षों में देश में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एक अलग तरह के अपराध का सामना करना पड़ा है। कुछ समय पहले तक आम जनता को साइबर अपराध के बारे में सीमित जानकारी थी। इस तरह का अपराध धोखेबाजों द्वारा किया जाता है जो अपने पीड़ितों के साथ सीधे संपर्क के बिना ऑनलाइन काम करते हैं। साइबर अपराध के बढ़ने में योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक व्यक्तियों में जागरूकता की कमी है। जबकि देश में ऑनलाइन लेन-देन में वृद्धि हुई है, बहुत से लोग उनसे संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में अनभिज्ञ हैं। साइबर अपराधी इस जानकारी की कमी का अपने फायदे के लिए फायदा उठाते हैं।

बता दें कि, बीते कुछ दिनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों की साइबर पुलिस के सामने एक ऐसा ही मामला आया है। खास बात यह है कि इन पांचों राज्यों में एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर दस करोड़ रुपये की ठगी की गई। पीड़ितों में स्कूल टीचर और बैंक मैनेजर से लेकर व्यापारी और सब्जी विक्रेता तक शामिल हैं। इससे पता चलता है कि जालसाजों ने शिक्षित पृष्ठभूमि वाले और अशिक्षित व्यापारी दोनों को निशाना बनाया। पुलिस अब न केवल इस मोबाइल नंबर को बल्कि इससे जुड़े मोबाइल हैंडसेट को भी ब्लॉक करने की कोशिश कर रही है।

पांच राज्यों में दस करोड़ रुपए की ठगी

पांच राज्यों की साइबर पुलिस ने एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े कई मामलों में दस करोड़ रुपए की ठगी की पहचान की है। फिलहाल, रोजाना तीन से चार साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं। क्राइम ब्रांच और साइबर सेल को मिले इन मामलों में शामिल दस करोड़ रुपए में से चार करोड़ नब्बे लाख रुपए बरामद किए जा चुके हैं। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि एक ही नंबर का इस्तेमाल कर पांच राज्यों में एक साथ ठगी की गई। इसलिए अब वे न सिर्फ मोबाइल नंबर बल्कि फोन का IMEI नंबर भी ब्लॉक कर रहे हैं।

ऐसे बनाते है ठगी का शिखर

पुलिस ने बताया है कि अपराधियों ने पहले भी फर्जी नामों से सिम कार्ड हासिल किए हैं। अब वे मोबाइल फोन भी खरीद रहे हैं। इसके बाद, वे एक ही नंबर का इस्तेमाल करके कई लोगों को ठगते हैं। धोखाधड़ी करने के बाद, वे सिम कार्ड बदल देते हैं और उसी फोन में नया सिम कार्ड डाल देते हैं। पुलिस अब मोबाइल नंबर और फोन दोनों को ब्लॉक करने के उपाय कर रही है, ताकि कोई दूसरा सिम कार्ड न डाल सके। साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह के अनुसार, लोग अपने चोरी हुए मोबाइल डिवाइस को ब्लॉक नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को अपने फोन को ब्लॉक करवाने के लिए सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल पर अपने नंबर की जानकारी देनी होगी, ताकि कोई और उनका इस्तेमाल न कर सके।

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