अजित पवार को तगड़ा झटका! पार्टी के चार बड़े नेताओं ने दिया इस्तीफा, शरद पवार के साथ जाने की उम्मीद

Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख अजित पवार को मंगलवार को तगड़ा झटका लगा. पिंपरी-चिंचवड़ के चार शीर्ष नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सूत्रों के मुताबिक, ये चारों 20 जुलाई को शरद पवार की एनसीपी (SP) में शामिल हो सकते हैं. एनसीपी पिंपरी-चिंचवड़ इकाई के प्रमुख अजीत गव्हाणे ने कहा, 'मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. मैंने अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को सौंप दिया है.'

किन नेताओं ने दिया इस्तीफा

अजीत गव्हाणे के अलावा इस्तीफा देने वालों में पिंपरी-चिंचवड़ छात्र इकाई के प्रमुख यश साने, पूर्व नगरसेवक राहुल भोसले और पंकज भालेकर शामिल हैं. गव्हाणे ने कहा कि कि एनसीपी के कई पदाधिकारी, पूर्व नगरसेवक और नेता पार्टी को छोड़ने की योजना बना रहे हैं. पार्टी छोड़ने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि कारण बताने के लिए हम बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.

क्या शरद पवार की पार्टी में शामिल होंगे

क्या आप शरद पवार की पार्टी में शामिल होंगे? इस सवाल पर गव्हाणे ने चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा, 'आज मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा. आपको जल्द पता चल जाएगा कि मैं किस पार्टी में शामिल होऊंगा.' गव्हाणे के करीबी नेताओं ने कहा कि पार्टी के कुछ अन्य नेता भी शरद पवार की एनसीपी में शामिल होंगे.

किस बात से नाराज थे गव्हाणे

माना जा रहा है कि गव्हाणे विधानसभा उपचुनाव में भोसरी का टिकट ना मिलने से नाराज थे. इसको लेकर वह चुनाव से पहले अजित पवार से भी मिले थे और उन्हें बताया था कि एनसीपी के लिए इस सीट से लड़ना कितना जरूरी है. बता दें कि इस सीट पर बीजेपी ने महेश लांडगे को मैदान में उतारा था.

हालांकि गव्हाणे और महेश दोनों रिश्तेदार हैं और गांववाला के नाम से प्रसिद्ध हैं. दोनों के परिवार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं. 2017 के नागरिक चुनावों में गव्हाणे और लांडगे परिवार एक-दूसरे के सामने थे लेकिन गव्हानेवस्ती नागरिक चुनावों में गव्हाणे का बोलबाला रहा.

गव्हाणे और पार्टी के अन्य नेता 20 तारीख को पिंपरी-चिचवड़ में एनसीपी (एसपी) में शामिल हो सकते हैं. 20 तारीख को पवार पिंपरी-चिंचवड़ में ही मौजूद रहेंगे.

क्या बोली एनसीपी

चार नेताओं के इस्ताफा देने पर एनसीपी के प्रवक्ता उमेश पाटिल ने कहा कि किसी भी नेता का पार्टी छोड़ना एक झटका है लेकिन हमें भरोसा है कि अजित गव्हाणे पार्टी के साथ ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि गव्हाणे की हमारे नेता अजित पवार के साथ करीबी संबंध हैं, इसलिए हमें यकीन है कि वो जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे.

Related Articles
Next Story