मंत्री मैडम ने पूरी बेइज्जती ही करा दी: केंद्रीय मंत्री स्कूल के कार्यक्रम

Union Minister of State Savitri Thakur: यूं तो हर पद के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी है, लेकिन राजनीति आज भी इसका अपवाद बनकर रह गया है। विधायक-सांसद तो छोड़िये मुख्यमंत्री-प्रधानमंत्री बनने तक के लिए किसी तरह की शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं पड़ती। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली, जब केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। मोदी कैबिनेट 3.0 में शामिल की गयी सावित्री ठाकुर एक कार्यक्रम में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' स्लोगन ही ठीक से नहीं लिख पाईं। उन्होंने लिखा- बेढी पडाओ, बच्चाव।

ठाकुर मोदी कैबिनेट में महिला बाल विकास राज्य मंत्री हैं। अब इस तस्वीर के सामने आने के बाद लोग पूछने लगे है कि ये लोकतंत्र की खुबसूरती या फिर बदसूरती। मामला मध्यप्रदेश के धार जिले का है। यहां तीन दिवसीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर को बुलाया गया था।

वे इस सरकारी कार्यक्रम में शिक्षा रथ को हरी झंडी दिखाने के लिए पहुंची थीं। इसी रथ के फ्लैक्स पर ठाकुर ने गलत स्लोगन लिखा।मंत्री के गलत स्लोगन लिखने के फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा- जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए, इसका कोई मापदंड तो तय नहीं है लेकिन कम से कम उसे अक्षर ज्ञान तो होना ही चाहिए।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर बोर्ड पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नहीं लिख पाईं। उन्होंने बोर्ड पर बेटी पड़ाओ बच्चाव लिख दिया। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि मंत्री सावित्री ठाकुर को अपनी गलती का एहसास था, उनके साथ का कोई व्यक्ति टोकता भी है लेकिन वह सुधार नहीं कर पाईं। चुनावी हलफनामे के अनुसार धार सांसद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर 12वीं पास हैं। वह धार लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद बनी हैं। परिवार का राजनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा है। पति किसान हैं और पिता सरकारी कर्मचारी रही हैं। सावित्री ठाकुर संघ से जुड़ी रही हैं और क्षेत्र में एक्टिव रहती हैं।

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