कीचड़ से भरी सड़क पर लोटते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचा किसान, प्रशासन में हड़कंप, कलेक्टर ने फ़ौरन दिया यह आदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक सिस्टम के स्याह सच को उजागर करने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक किसान अपनी फ़रियाद लेकर कीचड़ से भरी सड़क पर लोटते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। बार-बार शिकायत के बाद भी किसान की समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। इसलिए उसने मजबूर होकर ऐसा कदम उठाया। किसान के इस तरह कलेक्टर कार्यालय में पहुँचने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में किसान की शिकायत को सुना गया जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज हुई। किसान का आरोप है कि उसकी जमीन पर अतिक्रमण के बारे में उसकी शिकायत को अफसर लगातार नजरअंदाज कर रहे थे।

दबंगों ने किया किसान की जमीन पर कब्ज़ा

जानकरी के अनुसार जिले के सहजला गांव के रहने वाले श्यामलाल के विरोध का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। जिसके बाद कलेक्टर ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई का आदेश दिया है। इसका आरोप है कि उसकी ज़मीन पर दबंगों ने मंदिर बना दिया है। इसकी शिकायत वह कई बार अफसरों से कर चुका है। लेकिन अफसर उसकी एक भी नहीं सुन रहे हैं। इसी से परेशान होकर उसे आज यह कदम उठाना पड़ा। जब किसान कीचड़ से भरी सड़क पर लोटकर जा रहा था तो सभी की निगाहें उस पर पड़ी। तो कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। इसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।

10 दिनों के अंदर सीमांकन का निर्देश

इस पूरे मामले में कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने कहा कि किसान ने दावा किया है कि पटवारी उसकी जमीन का सीमांकन करने की उसकी याचिका पर ध्यान नहीं दे रहा है और किसी ने उस पर अतिक्रमण कर लिया है। यह मामला पहली बार उनके संज्ञान में आया है। क्षेत्र के एसडीएम को अगले 10 दिन के भीतर सीमांकन करने का निर्देश दिया है।

किसान की फरियाद सुनते अधिकारी

वहीं जब उनसे पूछा गया कि किसान के द्वारा कहा जा रहा है कि पहले भी कई बार वह यहां आ चुका है। तब जिला कलेक्टर ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला पहली बार आया है, उस किसान का ऐसा कहना था। लेकिन क्योंकि जनसुनवाई में वे खुद भी बैठते हैं तो उनके सामने तो यह मामला पहली बार ही आया है। उसका जो भी सीमांकन का मामला है, उसका निराकरण करवा दिया जाएगा। वहीं, किसान के जमीन पर अतिक्रमण के आरोपों को लेकर जिला कलेक्टर ने कहा कि जब तक जमीन का सीमांकन नहीं होगा, तब तक अतिक्रमण को लेकर भी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

Related Articles
Next Story