सिविल सर्जन सस्पेंड : पैसे नहीं दिए तो नहीं किया इलाज, तड़पता रहा मरीज

बड़ी खबर। भ्रष्ट्राचार की जड़ समाज को इस कदर खोखला कर रही है की धरती के भगवान माने जाने वाले डॉक्टर पैसे के lalaj में मरीज का इलाज नहीं किया।मामला प्रकाश में आने के बाद विभागीय कारवाई शुरू हुई और सिविल सर्जन जैसे उच्च पद पर बैठे अधिकारी कोसरकर ने सस्पेंड कर दिया।मालूम हो की स्वास्थ्य विभाग में सिविल सर्जन जिले के सबसे उच्च पदाधिकारी होते हैं।

कोरिया जिला के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रतिवेदन के अनुसार डॉ. राजेन्द्र बंसारिया, अस्थिरोग विशेषज्ञ एवं प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर द्वारा मरीज का ऑपरेशन करने हेतु राशि की मांग की गई थी। पैर की हड्डी का ऑपरेशन करने के लिए डॉ. राजेंद्र बंसारिया ने 12 हजार रुपए मांगे थे। मरीज के परिजनों द्वारा राशि नहीं दिए जाने के कारण मरीज का इलाज नहीं किया गया।

डॉ. राजेन्द्र बंसारिया को मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर निर्धारित किया गया है। सक्षम अधिकारी की अनुमति एवं पूर्व स्वीकृति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। निलंबन अवधि में डॉ. राजेन्द्र बंसारिया मूलभूत नियम 53 के तहत जीवन निर्वाह भत्ते के नियमानुसार पात्र होंगे।

क्या है मामला

मामला दिसंबर 2023 का है। एक ग्रामीण का पैर टूटने के कारण उसे जिला अस्पताल बैकुंठपुर में भर्ती कराया गया था। ग्रामीण इलाज के लिए तीन सप्ताह तक जिला अस्पताल में भर्ती रहा। डॉक्टर ने पैर टूटने की जानकारी दी और कच्चा प्लास्टर कर दिया। डॉ. राजेंद्र बंसारिया ने मरीज के परिजनों से कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा।

परिजन से मांगे पैसे

परिवार वालों ने ग्रामीण के ऑपरेशन करने की सहमति दे दी तो डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए 12 हजार रुपए की मांग की। डॉक्टर ने कहा कि जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं हैं। एनेस्थीसिया के लिए प्राइवेट डॉक्टर बुलाकर ऑपरेशन कराना पड़ता है।

हड्डी टूटी है, जिसे जोड़ने के लिए नेल की जरूरत पड़ती है। उस साइज का नेल हमारे अस्पताल में उपलब्ध नहीं है, जिसके लिए रायपुर से मंगवाना पड़ता है।

पैसे नहीं मिलने पर डॉक्टर ने ग्रामीण का आपरेशन नहीं किया। उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। वहां ग्रामीण का उपचार किया गया। मामले में ग्रामीण की पत्नी ने चिकित्सक द्वारा पैसे मांगे जाने की शिकायत की थी, जिसकी CMHO कोरिया ने जांच की थी।





डॉ. बंसारिया के इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 का उल्लंघन माना गया है। अतः राज्य शासन ने डॉ. राजेन्द्र बंसारिया को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (1) (क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

HPBL
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