"अनुबंधकर्मी होंगे नियमित"...दशहरा से पहले संविदाकर्मी को मिलेगी बड़ी सौगात, राज्य सरकार का बड़ा फैसला

Regularization of contractual employees in State Government लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सरकार के लिए हर विभाग में काम कर रहे अनुबंध कर्मियों का नियमितिकरण बड़ी चुनौती थी।जिसके बाद सरकार ने प्रस्ताव बनाकर केबिनेट की मंजूरी दे दी।

पूर्व के नियमितीकरण नियमावली में कुछ संशोधन किया गया है, जिसके चलते कर्मचारियों को अब टेस्ट से गुजरना होगा। इस संबंध में बैठक में सहमति बन गई है। वहीं, कैबिनेट में इस बात की भी चर्चा हुई कि नियमितीकरण का लाभ 10 साल सेवा कर चुके कर्मचारियों को मिलेगा या 5 साल से सेवा दे रहे कर्मियों को, लेकिन इस पर अंतिम सहमति नहीं बन पाई।

अमला उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण से जुड़े प्रस्ताव पर सहमति दी गई। हालांकि नियमितीकरण की कट-ऑफ तिथि तय नहीं होने के कारण इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।


कैबिनेट में तय होगा कट ऑफ डेट

मंत्रिमंडल की बैठक में तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सहमति बनी कि 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। हालांकि कट-ऑफ तिथि 2018 या 2024 रखने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका। इस कारण प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने का निर्देश दिया गया।

उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों और परिषदों में काफी अधिक संख्या में तदर्थ और संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जो लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इनके विनियमितीकरण के लिए नियमावली तैयार की थी, जिसमें 2011 के नियमों के तहत बाकी बचे कर्मचारियों को विनियमित करने का प्रावधान था


अधिक से अधिक कर्मी के नियमित करने की है योजना

Regularization of contractual employees in State Government मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को ​हुई पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की बैठक में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर चर्चा हुई। इस दौरान वर्ष 2018 में 10 वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को नियमित करने की बात कही गई, लेकिन सभी मंत्रियों की इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन पाई।

बताया गया कि कुछ मंत्रियों ने 2018 के स्थान पर जुलाई 2024 तक 10 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने का सुझाव दिया। ऐसे में इस प्रस्ताव का एक बार फिर परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार ने दूसरी बार की प्रस्ताव पास

राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ, संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण के लिए एक नियमावली तैयार की। इसमें वर्ष 2011 तक 10 वर्ष की सेवा पूरे करने वाले कार्मिकों को नियमित करने की व्यवस्था की गई। इसके बाद वर्ष 2013 में एक दूसरी नियमावली लाई गई

इसमें यह प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के तहत जो कर्मचारी विनियमित नहीं हो पाए, उन्हें विनियमित किया जाएगा। उस समय यह भी कहा गया कि उत्तराखंड राज्य नौ नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया और कई वर्ष बाद भी सरकारी विभागों का गठन होता रहा, इसलिये उनमें तैनात कर्मचारियों को वर्ष 2011 की नियमावली का लाभ नहीं मिल पाया।

झारखंड में सरकार कब लेगी फैसला

देखने वाली बात ये होगी की झारखंड में कब राज्य सरकार नियमितिकरण पर फैसला लेगी। चुनावी घोषणा पत्र के वायदे के अनुसार अब तक अनुबंध कर्मी अपने आप को छले महसूस कर रहे है। लंबे समय से अनुबंध कर्मी नियमितिकरण की मांग करते रहे है जबकि राज्य भर में ये कर्मी आंदोलनरत है। उसके वावजूद नियमितिकरण के मुद्दे पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

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