झारखंड: घूसखोरी का ग़ज़ब आइडिया है स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के पास, हर काम में रिश्वतखोरी का जुगाड़…अब ACP/MACP के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के खून चूस रहे खटराल अफसर
Jharkhand: Health department officials have a wonderful idea of bribery, bribery is involved in every work...Now the corrupt officers are sucking the blood of health workers for ACP/MACP.

Ranchi: विभागीय आदेश जिले तक जाते जाते कमाई का जरिया बन जाते हैं! ये पंक्तियां अपने आप को आज के परिवेश में सार्थक कर रही है।कर्मचारी संगठन अपनी विभिन्न मांग की लेकर सरकार से वार्ता करते है। उसके बाद काफी विभागीय कारवाई की बाद उससे संबंधित आदेश पारित करते हैं।उसने वावजूद उस आदेश की आड़ में जिले और प्रखंड कार्यालय के बाबू वरीय पदाधिकारी के नाक के नीचे कमाई का जरिया बना लेते हैं।
क्या है मामला
जी हां! हम बात कर रहे स्वास्थ्य विभाग की जहां राज्य भर में MACP के नाम पर लूट खसोट जारी है।मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग़ की तरफ से समय अवधि पूरा होने पर राज्य भर के कर्मियों को ACP/MACP जल्द देने का आदेश जारी हुआ है। अब जिन कर्मियों का 10 साल पूरा हो चुका है उसे ACP/MACP दिया जाना है।परंतु राज्य भर से इसकी आड़ में मुंह मांगी डिमांड की जा रही है।
सूत्रों के हवाले से राज्य भर में कई जिलों से ये बात सामने आ रही है कि ACP/MACP देने के नाम पर प्रत्येक कर्मियों से डिमांड जारी है और कर्मी इस मामले पर गोलबंद ही रहे है। इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि जिस तरह हाल के दिनों में स्वास्थ्य विभाग में एक से बढ़कर एक घूसकांड हुए हैं उस कड़ी में एक नया घूसकांड फिर से उजागर हो जाए।
क्यों दिया विभाग ने आदेश
प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 साल की समय अवधि पूरा होने ओर कर्मियों को प्रोन्नति दिए जाने का प्रावधान है।परंतु विभागीय लापरवाही के कारण ये सुविधा समय से नहीं मिलने पर मामला न्यायालय का बनता था जिससे विभाग की खूब किरकिरी होती थी।जिसके बाद विभाग की ये आदेश जारी करना पड़ा।
क्या है प्रक्रिया,कैसे बनती है डिमांड चेन
10 साल पूरा कर चुके जिन कर्मियों को ये लाभ मिलना होता है उन्हें कुछ प्रपत्र अपने नियंत्री पदाधिकारी (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी या अन्य) के माध्यम से सिविल सर्जन कार्यालय भेजना होता है।उसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय उसे क्षेत्रीय उप निदेशक (RDD) कार्यालय तक स्वीकृति के लिए भेजते है।
एसोसिएशन लगातार करता रहा है मांग
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों का संगठन AJPMA (ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन) लगातार कार्मिक विभाग द्वारा जारी ग्रेड पे आधारित प्रोन्नति की मांग करता रहा है और लगातार स्वास्थ्य विभाग पर दबाव बना रहा है।
एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह से बात करने पर बताया कि ये विभाग की नियमित प्रक्रिया है हमारा एसोसिएशन ग्रेड पे आधारित प्रोन्नति की मांग करता रहा है जिसपर विभाग आना कानी कर रहा है। MACP देने के मामले में इस तरह की शिकायतें पर जल्द एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में विभागीय मंत्री से मिलेगा।