स्वास्थ्य विभाग : 3 लाख 80 हजार से आयोजित हो रहा आयुष मेले का आयोजन… देशी चिकित्सा पद्धति पर जोर
धनबाद स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले के दो प्रखंडों में आयुष मेला का आयोजन किया जाना है।जिसके लिए तिथि 26-27 नवंबर निर्धारित की गई है। जिले के बलियापुर और गोविंदपुर प्रखंड में इस मेला का आयोजन किया जाना है। आम तौर पर स्वास्थ्य शिविर/ मेला का आयोजन किया जाता रहा है जिसमे एलोपैथी पद्धति से इलाज की सुविधा उपलब्ध रहती थी। परंतु ये पहला मौका है जब आयुष मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में आयुर्वेदिक, होमियोपैथी, यूनानी, सामान्य चिकित्सा पद्धति, योगा एवम अन्य चिकित्सा और जांच की सुविधा ग्रामीणों का मिल पाएगा।
आयुष मेले का आमंत्रण पत्र
प्रखंड स्तरीय होने वाले आयुष मेले का आमंत्रण कार्ड का भी वितरण किया गया। शिविर के उद्घाटनकर्ता के रूप में बलियापुर में जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह और गोविंदपुर में प्रखंड अध्यक्ष निर्मला सिंह को बनाया गया। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में जिले के सिविल सर्जन डा आलोक विश्वकर्मा की बनाया गया है।
स्थान के चयन में नहीं लिया गया सुझाव
प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सारे कार्यक्रम गोविंदपुर और बलियापुर प्रखंड में आयोजन स्थल के बारे राय अलग अलग थी परंतु प्रखंड स्तरीय सुझाव को नजर अंदाज करते हुए जिला आयुष समिति द्वारा स्थान का चयन किया गया। आयोजन स्कूल का चयन सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में किया गया है ताकि अधिक से अधिक शिविर में ग्रामीण पहुंच कर लाभ उठा सके।
1 लाख 90 हजार है एक मेले की राशि
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा एक आयुष मेले के आयोजन के लिए सरकार द्वारा 1 लाख 90 हजार राशि स्वीकृत किया गया है। अर्थात दो मेले के आयोजन के लिए 3 लाख 80 हजार रुपए दिए गए है। आमतौर पर प्रखंड अंतर्गत होने वाले सभी कार्यक्रम के संचालन और व्यवस्था करने की जवाबदेही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की होती है परंतु राशि का भरपूर सदुपयोग और ग्रामीणों के लाभ का हवाला देकर जिला आयुष समिति द्वारा सारे कार्य की जिम्मेवारी संभाली गई है। परंतु देखने वाली बात ये होगी की जिस तथ्य का हवाला देकर शिविर के संचालन की जवाबदेही जिला स्तर पर संभाली गई है उसका भरपूर सदुपयोग हो सके।
जानकर सूत्र का मानना है की आमतौर पर मेले के आयोजन में इतनी राशि निर्गत नहीं की जाती है,परंतु आयुष मेले में इतनी राशि के आवंटन पर सबकी नजर बनी हुई है। विभागीय आदेश में दवा, खानपान, पंडाल, प्रचार प्रसार, एवम अन्य संसाधन के लिए अलग अलग राशि निर्धारित है। सरकार के आदेशानुसार कार्यक्रम के आयोजन में किसी प्रकार के गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना है।