HEALTH Tips : पैरों में सूजन कई जानलेवा बीमारी का भी है संकेत, तुरंत हो जायें सावधान, इन टेस्ट को जरूर करायें

Helath Tips: शरीर हर बीमारी का संकेत दे देता है। बस जरूरत होती है, समय के साथ उसे महसूस कर लेने की। अब पैर में सूजन ही देख लीजिये। कभी ज्यादा बैठने पर पैर सूज जाता है, तो कभी ज्यादा चलने या मोच से, लेकिन पैर का सूजन इन सब से अलग कई गंभीर बीमारी का भी संकेत दे देता है। आज हम आपको उसी संकेत के बारे में जानकारी देंगे। पैरों और टखनों में लगातार सूजन का रहना किडनी से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है।

अगर पांव को उंगलियों से दबाने पर उस हिस्से पर गड्ढा या डिंपल बन जाता है तो आपको अब सावधान हो जाना चाहिए और इस लक्षण को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि ये किडनी में पैदा हो रहीं परेशानियों का सिग्नल भी हो सकता है. एक रिपोर्ट बताती है कि लगभग 30 प्रतिशत किडनी के मरीज डॉक्टर के पास तब जाते हैं, जब काफी देर हो चुकी होती है. फिर इलाज के लिए सिर्फ दो ही ऑप्शन बचते हैं, पहला डायलिसिस और दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट.

इन बीमारियों की वजह से पैरों में होता है सूजन:

  • एडिमा: एडिमा में शरीर के ऊतकों में एक्स्ट्रा लिक्विड जमा हो जाता है, जिससे उंगलियों का आकार बढ़ने लगता है और पैरों में सूजन आने लगती है। यह दिल या किडनी की समस्याओं के कारण हो सकता है। आपको बता दें, लम्बे समय तक खड़े रहने या बैठे रहने से भी यह समस्या हो सकती है.
  • दिल की बीमारी: दिल की बीमारी होने पर भी आपके पैरों एम् सूजन आ सकता है।दरअसल, जब आपका दिल प्रभावी ढंग से रक्त को पंप नहीं कर पाता, तो शरीर के निचले अंगों में लिक्विड जमा होने लगता है, जिससे पैरों और अंगूठों में सूजन आने लगती है।
  • किडनी से जुड़ी बीमारी: किडनी फेलियर या नेफ्रोटिक सिंड्रोम जैसी स्थितियों में शरीर से एक्स्ट्रा लिक्विड निकालने की क्षमता प्रभावित होती है। जिससे पैरों और टखनों में सूजन हो सकती है।
  • गाउट: गाउट एक प्रकार का गठिया है जिसमें जॉइंट्स में यूरिक एसिड नामक क्रिस्टल जमा हो जाते हैं, जिससे पैरों में तेज दर्द और सूजन होती है। यह आमतौर पर बड़े अंगूठे में होता है, लेकिन अन्य जॉइंट्स में भी हो सकता है। पैर में सूजन का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
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कैसे चलेगा किडनी की बीमारी का पता?

कंप्रिहेंसिव वैश्कुलर केयर वैस्कुलर टेस्टिंग के जरिए ये पता लगाता है कि शरीर का कौन सा सर्कुलेटरी सिस्टम प्रभावित है. ब्लड टेस्ट के जरिए ये निर्धारित किया जाता है कि सूजन किडनी की बीमारी की वजह है या नहीं. पैरों में सूजन का होना किडनी की बीमारी के सबसे आम लक्षणों में से एक माना जाता है. गुरुत्वाकर्षण यानी ग्रेविटी एक्सट्रा फ्लूड को पैरों की ओर खींच लेती है, जिससे सूजन पैदा हो जाती है. इस स्थिति से बचने के लिए आप अपने पैरों को कुछ समय तक ऊपर करके रख सकते हैं. हालांकि बार-बार ये समस्या होने पर आपको डॉक्टर का रुख करना चाहिए. किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए आप दो टेस्ट करवा सकते हैं.

इन दो टेस्ट से किडनी की स्थिति का लगाएं पता

1. ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट क्रिएटिनिन कंसंट्रेशन की जांच करता है, जैसे- किडनी के फंक्शन का घटना, क्रिएटिनिन का बढ़ना.

2. यूरिन टेस्ट: यूरिन टेस्ट यूरिन में एल्ब्यूमिन की जांच करता है. इसका होना किडनी के खराब होने का संकेत देता है.

पैरों या टखनों में किसी भी तरह की सूजन को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि छोटी दिखने वाली दिक्कतें ही कई बार बड़ा रूप ले लेती हैं. किडनी से जुड़ी दिक्कतों का पता लगाने के लिए आप यूरिन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड जैसे कुछ टेस्ट करवा सकते हैं.

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