राज्य भर में स्वास्थ्य कर्मचारियों का गुस्सा फूटा, सिविल सर्जन कार्यालय में समक्ष जमकर हुई नारेबाजी, कहा – जल्द पूरी हो NHM कर्मियों की मांग
रांची । राज्य भर में एनएचएम कर्मियों की हड़ताल के समर्थन में अब स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी संगठन भी कूद पड़े हैं। झारखंड राज्य चिकित्सा एवम जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वाहन पर सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष रोष पूर्ण प्रदर्शन करने का कार्यक्रम निर्धारित था। सभी जिलों में नियमित और अनुबंध कर्मी सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष जुटे। “इंकलाब जिंदाबाद”, “अनुबंध कर्मियों को नियमित करना होगा, “झारखंड सरकार होश में आओ” नारों से राज्य भर के सिविल सर्जन कार्यालय में गूंज सुनाई पड़ी।
अधिक से अधिक संख्या में कर्मियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह राज्य भर के संगठनों से अपील की और कहा की संगठन भावना और दलगत भावना से ऊपर उठकर एनएचएम कर्मियों के स्थायीकरण की मांग का समर्थन करें। जिसका असर राज्य भर में देखने को मिला। सभी संगठनों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा और कर्मचारियों के भावनाओं को सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया।
धनबाद
चिकित्सा एवम जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के महामंत्री रामाधार शर्मा और जिला मंत्री सत्येंद्र शर्मा के नेतृत्व में निकली रैली में जिले भर के स्वास्थ्य कर्मचारी ने अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित किया। महिला और पुरुष स्वास्थ्य कर्मी काफी संख्या में रोषपूर्ण प्रदर्शन में भाग लिया। AJPMA के जिला अध्यक्ष श्याम बिहारी के साथ साथ सभी कर्मचारी ने एनएचएम के मांग को जायज ठहराया और कहा कि जल्द सरकार को पहल करनी चाहिए।
गढ़वा
एनएचएम कर्मियों की नियमितीकरण में हो रहे देरी से क्षुब्ध कर्मी सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे।अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन के समर्थन में सिविल सर्जन महोदय को ज्ञापन सौंपा गया। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी संतोष कुमार मेहता , राम निवास सिंह, अशोक सिन्हा , अनिल शर्मा, राजेन्द्र राम , विमलेश राम , मनउवर अन्सारी , धीरज पाठक, विजय कुमार , संध्या तिवारी सहित अन्य कर्मी मौजूद थे।
राज्य भर में आक्रोश देखने को मिला। मालूम हो की राज्यभर के एनएचएम कर्मी पिछले 16 जनवरी से आंदोलनरत है और 24 तारीख से आमरण अनशन पर बैठे हैं। इसके बावजूद सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है। अनशन कारियों के दिन पर दिन हालत खराब होती जा रही है। बार-बार आश्वासन मिलने के बाद भी कोई भी विभाग के पदाधिकारी इन कर्मियों से मिलने नहीं आया है जिससे खिन्न होकर अन्य कर्मचारी संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा है और अब यह आंदोलन की तैयारी में है।